अहमदाबाद : पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह के मामले में उनकी जमानत अर्जी पर एक निचली अदालत कल सुनवाई करेगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन जी दवे ने आज मामले में सुनवाई स्थगित कर दी. देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हार्दिक और उनके साथी दिनेश बांभनिया तथा चिराग पटेल फिलहाल जेल में हैं. उन्होंने पिछले महीने जमानत अर्जी दाखिल की थी.
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हार्दिक पटेल की जमानत याचिका पर सुनवाई कल
अहमदाबाद : पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह के मामले में उनकी जमानत अर्जी पर एक निचली अदालत कल सुनवाई करेगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन जी दवे ने आज मामले में सुनवाई स्थगित कर दी. देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हार्दिक और उनके साथी दिनेश […]
तीनों ने अपनी जमानत अर्जी में आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ प्राथमिकी मनगढंत है और उनके द्वारा चलाया गया आरक्षण आंदोलन देशद्रोह के समान नहीं है. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के इन नेताओं की जमानत अर्जी के जवाब में शहर अपराध शाखा ने 26 नवंबर को अदालत में हलफनामा दाखिल किया था और उनकी जमानत अर्जी का विरोध किया था.
अपराध शाखा ने हलफनामे में आरोप लगाया कि सभी आरोपी गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं और अभी तक एकत्रित सबूत पटेल समुदाय के युवकों को यहां 25 अगस्त को बड़ी रैली के बाद हिंसा करने के लिए भड़काने का अपराध करने में उनकी सक्रिय भागीदारी को साबित करते हैं. अपराध शाखा ने अदालत में कहा कि तीनों को जमानत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि वे इसी तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं और जमानत पर बाहर आने के बाद साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश कर सकते हैं.
अपराध शाखा ने इन पटेल नेताओं पर आईपीसी की धाराओं 121 (सरकार के खिलाफ जंग छेड़ना), 124 (देशद्रोह), 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले बयान) के तहत मामले दर्ज किये गये.
हालांकि गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्राथमिकी से धारा 121, 153-ए और 153-बी को हटा दिया था. पीएएएस के कुल छह नेताओं के नाम इस प्राथमिकी में आरोपियों के तौर पर दर्ज हैं जिनमें हार्दिक, दिनेश, चिराग, केतन पटेल, अमरीष पटेल और अल्पेश कथिरिया हैं. दिनेश, चिराग और केतन जेल में हैं, वहीं हार्दिक एक अन्य मामले में सूरत पुलिस की हिरासत में हैं. उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद अमरीश और अल्पेश को गिरफ्तार नहीं किया गया.
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