भोपाल : मध्य प्रदेश में नौ दिन बाद 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्व राजपरिवारों के कुल 12 उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसमें आठ भाजपा और चार कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बनाए गए हैं.
कांग्रेस की सूची में सबसे उपर नाम कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह का है, जो दिग्विजय की परंपरागत सीट राघौगढ़ से पार्टी टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, जिनके खिलाफ भाजपा ने राजेश धाकड़ को टिकट दिया है. इस सीट से दिग्विजय पहली बार 1977 में अपना पहला चुनाव जीते थे.
भाजपा की ओर से पूर्व राजपरिवारों के वारिसों को टिकट वितरण की सूची में सबसे उपर नाम यशोधरा राजे सिंधिया का है, जो इस समय ग्वालियर से सांसद हैं और इस विधानसभा चुनाव में शिवपुरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार हैं.
दिग्विजय सिंह के एक रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह भी कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बनाए गए हैं, जो राजपरिवार से संबंधित हैं. वह राजगढ़ जिले की खिलचीपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ भाजपा ने हजारीलाल डांगी को मैदान में उतारा है.
पूर्व राजपरिवार के दो सगे भाई भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. विजय शाह इस समय भाजपा सरकार में आदिमजाति कल्याण मंत्री हैं, जो हरसूद से फिर उम्मीदवार बनाए गए हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार एवं सांसद सूरजभान सोलंकी से है. विजय के सगे भाई संजय शाह टिमरनी सीट से चुनावी मुकाबले में हैं, जहां कांग्रेस के रमेश कुमार उनके खिलाफ खड़े हैं.
दिग्विजय की पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे मानवेन्द्र सिंह ने पिछला विधानसभा चुनाव 2008 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीता था, लेकिन इस बार वह भाजपा के टिकट पर अपनी महाराजपुर सीट से भाग्य आजमा रहे हैं.
इनके अलावा पूर्व राजपरिवारों के जो चश्मोचिराग इस विधानसभा चुनाव में भाजपा टिकट पर मैदान में हैं, उनमें माया सिंह(ग्वालियर पूर्व ), दिव्य राजा सिंह (सिरमौर ),तुकोजीराव पवार :देवास: एवं हर्ष कुमार सिंह(रामपुर बघेलान )हैं. कांग्रेस टिकट पर मैदान में खड़े पूर्व राजपरिवारों के अन्य सदस्यों में विक्रम सिंह नातीराजा :राजनगर: एवं महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा(मुंगावली )हैं.