इंदौर: निर्वाचन आयोग ने आज कहा कि चुनावों के दौरान अगर कोई उम्मीदवार सोशल मीडिया पर खुद अपना प्रचार करता है, तो उसे इसके लिये आयोग से पूर्व अनुमति लेनी जरुरी है. वरना इस प्रचार का खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ दिया जायेगा.
उप निर्वाचन आयुक्त सुधीर त्रिपाठी ने यहां जिलाधिकारी कार्यालय में चुनावी तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘अगर कोई उम्मीदवार निर्वाचन आयोग के पूर्व प्रमाणीकरण के बगैर सोशल मीडिया पर कोई विज्ञापन या अन्य प्रचार सामग्री खुद पोस्ट करता है, तो इसका व्यय उसके चुनावी खर्च में जोड़ दिया जायेगा.’ त्रिपाठी ने कहा, ‘हमने चुनावी प्रक्रिया के प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया है कि कानून का पालन कराने वाले अधिकारी आदर्श आचार संहिता को लागू कराने के नाम पर जनता को बेवजह परेशान न करें.’
इस बीच मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद ने बताया कि सूबे के उत्तरप्रदेश से सटे जिले चुनावों के दौरान हथियारों और शराब के परिवहन की आशंका के चलते संवेदनशील हैं. इंदौर और उज्जैन संभागों के जिलों को सांप्रदायिक रुप से संवेदनशील क्षेत्रों की श्रेणी में रखा गया है.