इंदौर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद के हत्याकांड के एक आरोपी की जमानत अर्जी आज खारिज कर दी. उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने साकिब अली उर्फ ‘डेंजर’ की जमानत के पक्ष में पेश दलीलों से असहमत होते हुए इस आरोपी को जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया.
‘डेंजर’ पर शहला की हत्या के लिये तीन लाख रुपये लेकर भाड़े के दो कातिलों के इंतजाम करने का आरोप है. आरटीआई कार्यकर्ता के हत्याकांड की जांचकर्ता एजेंसी सीबीआई ने उच्च न्यायालय में ‘डेंजर’ की जमानत याचिका के खिलाफ दलीलें पेश कीं. मामले के चार अन्य आरोपियों में भोपाल की इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा परवेज, उसकी राजदार सहेली सबा फारुकी और भाडे के दो कथित हत्यारे इरफान और ताबिश शामिल हैं.
जाहिदा पर आरोप है कि उसने शहला हत्याकांड की साजिश सौतिया डाह के चलते रची, क्योंकि इस आरटीआई कार्यकर्ता की नजदीकियां भोपाल के भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह से लगातार बढ़ती जा रही थीं. कथित साजिश के तहत शहला की उनके भोपाल स्थित घर के बाहर 16 अगस्त 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.