नयी दिल्ली : भाजपा ने आज आरोप लगाया कि जिस आईपीएस अधिकारी आर. बी. श्रीकुमार ने प्रख्यात वैज्ञानिक नम्बी नारायणन को 1994 के इसरो जासूसी कांड में झूठे फंसा कर देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को धक्का पंहुचाया था, वही बाद में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार के विरुद्ध मुहिम चला रही तीस्ता सेतलवाड जैसे ‘‘ राष्ट्र-विरोधी तत्वों ’’ से मिल गया है.
पार्टी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने आज यहां यह आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘गुजरात के पूर्व डीजीपी और गुजरात सरकार के खिलाफ दंगों और मुठभेड़ को उठाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता के साथ जुड़े आर. बी. श्रीकुमार ने देशभक्त वैज्ञानिक नम्बी नारायण को एक सौदागर के रुप में बदनाम करने की कथित साजिश की और उनके विरुद्ध मामला बनाया. देश के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले उनके इस जघन्य अपराध के बावजूद संप्रग सरकार ने उसके विरुद्ध अधिकांश आरोप वापस ले लिए.’’ उन्होंने कहा कि नारायण ने 1970 के दशक की शुरुआत में भारत के लिक्विड फ्यूल टेक्नोलाजी की शुरुआत की जब पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम वैज्ञानिक थे और उनकी टीम सालिड मोटर्स पर काम कर रही थी. पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल में भी उनका योगदान है जिसकी बदौलत 2008 में चंद्रयान-1 भेजा गया.
लेखी ने कहा, लेकिन दुर्भाग्यवश इसरो जासूसी मामले ने एक प्रतिभाशाली राकेट वैज्ञानिक का पूरा करियर खत्म कर दिया और इसका देश को नुकसान उठाना पड़ा. बाद में नारायणन को निदरेष पाया गया. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दिलचस्प बात यह है कि 2004 में ही साफ हो गया था कि कुछ लोगों के इशारे पर इसरो जासूसी मामले को मनगढंत बनाकर पेश किया गया है और इस तरह की शत्रुता इसरो और भारत के लिए हानिकारक है. इस मामले में धूर्तता करने वाला और कोई नहीं बल्कि एक ही व्यक्ति, श्रीकुमार है.’’