नयी दिल्ली : न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर को देश का अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने का वारंट जल्द ही जारी किया जा सकता है क्योंकि कानून मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति की फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय को आज भेज दी.प्रधानमंत्री का हस्ताक्षर होते ही फाइल को राष्ट्रपति भवन भेजा जायेगा जहां राष्ट्रपति उन्हें 43वें सीजेआई के रुप में नियुक्त करने के लिए वारंट पर अपनी मुहर लगाएंगे.
मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि गौड़ा ने सीजेआई एच एल दत्तू की अनुशंसा को आज सुबह पीएमओ को भेज दिया जिन्होंने न्यायमूर्ति ठाकुर को अगले सीजेआई के लिए नामित किया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और दिल्ली राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी. डी. अहमद ने आज कहा कि न्यायमूर्ति ठाकुर जल्द ही ‘‘नया पद ग्रहण करेंगे.” उन्होंने कहा कि कानून मंत्री डी वी सदानंद गौडा ने न्यायमूर्ति ठाकुर को सूचित किया है कि उनकी फाइल पीएमओ को भेज दी गयी है.
न्यायमूर्ति अहमद, गौडा, न्यायमूर्ति ठाकुर और दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी के साथ ही उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ए आर. दवे यहां राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं प्राधिकार की सात कानूनी योजनाओं को शुरू करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में एक मंच पर मौजूद थे.
उच्चतम न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश ठाकुर दो दिसबंर को सीजेआई का पदभार ग्रहण करेंगे जब दत्तू सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
न्यायमूर्ति दत्तू ने सोमवार को प्रक्रिया के तहत उनके नाम की अनुशंसा सरकार से की थी.63 वर्षीय ठाकुर उस पीठ के अध्यक्ष थे जिसने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और इस वर्ष जनवरी में बेटिंग स्कैंडल में फैसला सुनाया था.
सारधा चिटफंड घोटाले की जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय की जो पीठ कर रही है उसके अध्यक्ष भी न्यायमूर्ति ठाकुर ही हैं. वह कई करोड रुपये के एनआरएचएम घोटाले की भी जांच कर रहे हैं जिसमें उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के अलावा अन्य नेता और नौकरशाह आरोपी हैं.