-मोदी के साथ मंच पर आडवाणी भीथेमौजूद-
केवड़िया : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि सरदार पटेल किसी विशेष पार्टी के नहीं पूरे देश के नेता थे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह पटेल की धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करते है, न कि कुछ पार्टियों द्वारा अपनाई जा रही ‘वोकबैंक की धर्मनिरपेक्षता’ का.मोदी ने काफी समय से लंबित पड़े सरदार सरोवर बांध पर द्वार लगाने के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री पर प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा राजनीतिक कारणों से गुजरात के साथ भेदभाव किया जा रहा है.इससे पहले 29 अक्तूबर को प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें गर्व है कि पटेल उनकी पार्टी से थे.
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘राणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुर बेहद सम्मानीय हैं. क्या वे भाजपा के सदस्य थे? क्या केवल भाजपा से जुड़े लोगों को ही मान सम्मान दिया जाना चाहिए. पार्टी से पहले देश है और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले लोग महान हैं.’’नरेंद्र मोदी ने आज सरदार पटेल की मूर्ति की नींव रखी. इस मूर्ति की विशेषता यह है कि यह विश्व में सबसे ऊंची मूर्ति होगी.
शिलान्यास के इस कार्यक्रम में मोदी के साथ मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे. इस मौके पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाये जाने का विरोध करने पर मोदी ने कहा कि उस वक्त जब मैंने महात्मा गांधी के नाम पर स्मारक बनाया था, तो किसी ने विरोध क्यों नहीं किया था.
नरेंद्र मोदी ने उलाहना देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किए जाने के बावजूद सरदार सरोवर बांध पर द्वार का निर्माण नहीं किया गया.गुजरात के खिलाफ राजनीति और भेदभाव की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र और कांग्रेस अगर बिना देरी किए इसके द्वार बनवा देती है तो वह इसका पूरा श्रेय भी चाहे तो ले सकती है.
इसके अलावा उन्होंने भीमराव अंबेडकर का भी उदाहरण देते हुए कहा कि वह दलितों और कमजोर वर्गों के लिए ईश्वर के समान थे, लेकिन उनका जीवन और उनका संघर्ष सभी के लिए प्रेरणादायी है.
मोदी ने कहा, उनकी धर्मनिरपेक्षता ने सभी को एकजुट किया. इसने बांटा नहीं. यह एक संयुक्त विरासत है. हम सभी को इस पर गर्व करना चाहिए. हमारे दिल में देश और इस देश के प्रत्येक महान व्यक्ति के लिए सम्मान होना चाहिए. गुजरात के मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए धर्मनिरपेक्ष पार्टियों पर प्रहार किया.
उन्होंने कहा, गांधी जी ने अस्पृश्यता खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ी थी. लेकिन आज भी एक दूसरे किस्म की अस्पृश्यता मौजूद है और वह है राजनीतिक अस्पृश्यता. हमें इसे खत्म करना चाहिए. पटेल की विरासत को लेकर पार्टियों में जारी कोलाहल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, इन लड़ाइयों से एक संगठन या पार्टी को भले ही राजनीतिक लाभ मिल सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में देश के सम्मान पर चोट पहुंचती है. मोदी ने कहा कि जब उन्होंने गांधी जी के नाम पर महात्मा मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरु की थी, तब किसी ने उन्हें टोका नहीं कि भाजपा का कोई नेता ऐसा नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा, फिर अब यह दिक्कत क्यों है? मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि इस मूर्ति निर्माण की वजह से ही उसे पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आज मजबूरन अखबारों में विज्ञापन निकलवाने पड़े.
उन्होंने कहा, यह गुजरात का प्रभाव है. मोदी ने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति बनाने के फैसले को जायज ठहराते हुए कहा कि सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में एक ऐसे स्मारक की जरूरत थी, जो दुनिया को उसकी ओर देखने पर मजबूर करे.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह एकता का भी संदेश देगा.मोदी ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए आडवाणी को धन्यवाद दिया.
इसके पहले आडवाणी ने अपने भाषण में मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर चुने गए व्यक्ति द्वारा शुरु की गई इस परियोजना के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है.
उन्होंने कहा कि पटेल जैसे महान नेता के बारे में यह कहना कि वे कांग्रेसी थे इसलिए मैं उनकी प्रतिमा नहीं बनवा सकता बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा कि दल से देश बडा होता है. विरासत का बंटवारा नहीं किया जा सकता है. अंबेडकर दलितों के भगवान है, वे यह नहीं पूछते कि अंबेडकर किस दल के थे. मोदी ने कहा किउन्होंनेइस मूर्ति को स्थापित करने का सपना देखा था. अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने पीएम पर जमकर हमला बोला. साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने मोदी को खत्म करने की सुपारी ली है.
मोदी ने ब्लॉग पर लिखा, ‘सरदार पटेल की जयंती और भी विशेष होगी. हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला रखाहै. यह सबसे ऊंची (182 मी) प्रतिमा होगी.’
आजइस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया जायेगा जिसमे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह तथा कई बड़े राजनेता
कैसे बचेगी सरदार पटेल की विरासत!