मुंबई : शीना बोरा हत्या मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए आज एक अदालत में अपनी सहमति दे दी.इंद्राणी ने अदालत से कहा, ‘‘मैं परीक्षण के लिए सहमति देती हूं.” सीबीआई ने पिछले सप्ताह अदालत के समक्ष एक आवेदन पेश करके उसकी आवाज के नमूने मांगे थे. सीबीआई ने ये नमूने इसलिए मांगे थे ताकि उसके पास मौजूद कथित तौर पर इंद्राणी की आवाज वाले कॉल रिकॉर्डों में दर्ज आवाज की जांच की जा सके.
मजिस्ट्रेट आर वी एडोन ने सीबीआई के आवेदन को मंजूर करके यह निर्देश दिया कि आवाज के नमूने का परीक्षण करने के दौरान जेल के नियमों का पालन किया जाये.इंद्राणी को आज जब अदालत में पेश किया गया तो मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की अर्जी का उल्लेख किया. इस पर इंद्राणी ने पूछा- ‘‘यह किस बारे में है? यह किस चीज के साथ मिलान के लिए है?” तब अदालत ने उसे विशेष सरकारी वकील के आने तक इंतजार करने के लिए कहा गया.
विशेष सरकारी वकील कविता पाटिल के आने पर भी उसने सवाल दोहराए.इंद्राणी ने कहा, ‘‘मैं अपनी सहमति दूंगी लेकिन मैं जानना चाहती हूं कि यह (आवाज के नमूने का परीक्षण) किस चीज से मेल कराने के लिए है?” पाटिल ने इंद्राणी को बताया कि उसकी आवाज के नमूने कुछ आवाजों के साथ मेल कराने के लिए चाहिए.
इंद्राणी ने जब इस बारे में अधिक जानने की कोशिश की तो पाटिल ने उसे बताया कि वह यह सब नहीं जान सकती क्योंकि यह जांच का हिस्सा है.इसके बाद इंद्राणी ने अपनी आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए लिखित सहमति दे दी.हत्या के मामले में इंद्राणी (43), उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और उसके चालक श्याम राय को पिछले सप्ताह सात नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.
इन लोगों को अप्रैल 2012 में इंद्राणी की 24 वर्षीय बेटी शीना की हत्या करने और उसके शव को रायगढ के एक जंगल में ठिकाने लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस मामले की जांच मुंबई पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने की मांग किए जाने के बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था.
इंद्राणी की प्लेटलेट्स की संख्या बुरी तरह गिर जाने के बाद उसे हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, जेजे अस्पताल के चिकित्सकों ने बाद में यह स्पष्ट कर दिया था कि उसे डेंगू नहीं है. इससे पहले उसे डेंगू होने का संदेह था.इंद्राणी को दो अक्तूबर को बेहोशी की हालत में बायकुला महिला जेल से जेजे अस्पताल ले जाया गया था। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि उसने अवसाद-रोधी दवाएं अधिक मात्रा में ले ली थीं. लेकिन महानिरीक्षक :जेल: ने दवा की अधिक मात्रा, जहर या आत्महत्या की कोशिश की संभावनाएं खारिज कर दीं.