नागपुर : महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में किसानों की आत्महत्याओं के मामले बढ़ने से उनके परिवारों के सामने जीवनयापन से जुड़ा जो सवाल खड़ा हो गया था, उसे सुलझाने के लिए एक पेशेवर प्रशिक्षण संस्थान प्रयासरत है. यह संस्थान इन किसानों के बच्चों को तकनीकी कौशल सीखने और आजीविका कमाने में मदद करने की कोशिश कर रहा है.
मोंटफोर्ट इंटीग्रेटेड एजुकेशनल सेंटर की स्थापना सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की मदद से दो साल पहले साओनेर तालुक के पटनसाओंगी गांव में की गई थी. इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य विदर्भ के उन किसानों के बच्चों और परिवारों को आजीविका के वैकल्पिक माध्यम उपलब्ध करवाना है, जो आत्महत्या कर चुके हैं.
एमआईईसी के निर्देशक ब्रदर मैथ्यू एलेक्जेंडर ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, ‘‘यह केंद्र छह माह का आवासीय पेशेवर प्रशिक्षण उपलब्ध करवा रहा है. अब तक क्षेत्र के 200 युवा विभिन्न जगहों पर रोजगार प्राप्त कर चुके हैं. इन लोगों में सबसे ज्यादा प्रभावित यवतमाल और वर्धा जिले के युवा शामिल हैं.’’