नयी दिल्ली : यहां की एक विशेष मनी लांड्रिंग अदालत ने सारदा समूह के चेयरमैन सुदीप्त सेन के बैंक खातों पर रोक लगाने का आदेश दिया है ताकि जांच एजेंसियों को कंपनी के खिलाफ जांच पूरी करने में सहूलियत हो सके.कथित चिटफंड घोटाले में फंसे सारदा समूह के चेयरमैन सुदीप्त सेन फिलहाल पुलिस हिरासत में है. कुछ समय पहले, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सेन के दो बैंक खाते कुर्क कर दिए गए थे. ओड़िशा के बालासोर में एक निजी बैंक में सेन के नाम से खाते में कुल 27,752.80 रुपये थे.
कथित चिटफंड स्कीम में कथित मनीलांड्रिंग अपराधों के लिए मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय को यह अपराध की कमाई होने का संदेह है और वह जांच पूरी होने तक इन खातों पर रोक चाहता है.संपत्तियों की बिक्री पर रोक जैसी सख्त प्रवर्तन कार्रवाई पर निर्णय करने वाले एडजुकेटिंग अथारिटी आफ दि प्रिवेंशन आफ मनी लांडरिंग एक्ट (पीएमएलए) ने प्रवर्तन निदेशालय के कोलकाता कार्यालय द्वारा कुछ समय पहले की गई निरोधात्मक कार्रवाई को सही ठहराया.
अथारिटी के कार्यवाहक चेयरमैन के. राममूर्ति ने अपने ताजा आदेश में कहा, ‘‘मैंने प्रस्तुत दस्तावेजों को देखा और खातों पर रोक लगाने के कारणों पर गौर किया. मैं इस बात से सहमत हूं कि प्रथम दृष्टया यह मनी लांड्रिंग का मामला लगता है, इसलिए पीएमएलए के तहत जांच के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस पर रोक लगाना आवश्यक है.’’