वाशिंगटन : लड़कियों की शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ने के कारण तालिबान की गोली के निशाने पर आने वाली 16 वर्षीय पाकिस्तानी किशोरी मलाला आज आवाज बुलंद करने का प्रोत्साहन देने वाले स्कूली पाठ्यक्रम की प्रेरणा बन गयी है.
जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय ने आज घोषणा की है कि उसके संकाय सदस्य मलाला यूसुफजेई द्वारा हाल ही में जारी की गयी किताब के लिए मल्टीमीडिया कॅरिकुलम टूल तैयार कर रहे हैं.
विश्वविद्यालय ने कहा कि ये संकाय सदस्य कॉलेज और हाईस्कूल दोनों के लिए ही अगले साल की शुरुआत में इस पाठ्यक्रम की शुरुआत करेंगे. यह पाठ्यक्रम मुफ्त होगा और इसका मुख्य ध्यान महिलाओं की आवाज और राजनैतिक चरमपंथ जैसे विषयों पर केंद्रित होगा.
विश्वविद्यालय के ग्लोबल वूमन्स इंस्टीट्यूट की निर्देशक मैरी एल्सबर्ग ने कहा कि ये टूल सिर्फ मलाला की ही कहानी पर गौर नहीं करेंगे बल्कि वे ऐसे ही अन्य मामलों पर भी ध्यान देंगे, जो कहीं और घटित हुए हैं. इनमें लड़कियों द्वारा बाल विवाह का सामना करना और स्कूल छोड़ने के लिए दबाव का सामना करना आदि भी शामिल हैं.