नयी दिल्ली : 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में लड़की के साथ हुए बलात्कार का मामला कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी शहरों में ऐसी घटनाएं आए दिन होती आई हैं. भारत में हर तीन मिनट में एक महिला के साथ हिंसा की कोई घटना घटती है और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक हर बीस मिनट में एक महिला का बलात्कार हो रहा है.
महिलाओं के खिलाफ़ होने वाले यौन दुराचार को दिखाता सेफ़सिटी का एक ग्राफिक.
ऐसी और इस तरह की हज़ारों गुमनाम घटनाओं को दर्ज करने और उनके खिलाफ़ कार्रवाई का माहौल बनाने के लिए ही दिल्ली और मुंबई के चार नौजवानों ने मिलकरसेफसिटीनाम की बेवसाइट की शुरुआत की है.
सूर्या बताती हैं, ‘अपने कोर्स के दौरान हम लोगों ने महिलाओं के अधिकारों और यौन हिंसा के खिलाफ़ काम करने का मन बनाया. इस बीच हम स्वीडन से लौटे और कुछ ही दिन बाद दिल्ली में हुए बर्बर बलात्कार ने पूरे देश को झकझोर दिया. इसके बाद अगले पांच दिन में हम लोगों ने मिलकर सेफ़सिटी की शुरुआत की."
क्राउड सोर्सिंगयानी भीड़ से जानकारियां जुटाने की कोशिश पर आधारित ‘सेफ़सिटी’ का मकसद भारत के हर शहर और इन शहरों के अलग-अलग इलाकों में होने वाले यौन अपराधों का एक डाटा-बैंक तैयार करना है. ताकि सुरक्षित-असुरक्षित इलाकों के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा और पुख़्ता जानकारी उपलब्ध हो. ये सभी घटनाएं एक नक्शे पर दर्ज होती जाती हैं.
वेबसाइट पर दर्ज करने के लिए यौन आपराधों को कई श्रेणियों में बांटा गया है. कोशिश की गई की भारत में महिलाओं के खिलाफ़ होने वाले हर तरह के अपराध को किसी न किसी श्रेणी में शामिल किया जा सके. मसलन अश्लील इशारे करना, गुप्तांग दिखाकर किया जाने वाला यौन उत्पीड़न, छूने और पकड़ने की कोशिश, तस्वीरें लेना और परेशान करने वाली इस तरह की कई हरकतें.
साभार : बीबीसीहिंदीडॉटकॉम