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कोयला ब्लॉक:सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की

नयी दिल्ली : कोयला खदान आबंटन कांड की जांच में हुयी प्रगति के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में आज केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सीलबंद लिफाफे में नई रिपोर्ट दाखिल की. कोयला कांड की इस जांच की चपेट में अनेक कंपनियां, प्रमुख उद्योगपति और नौकरशाह आ गये हैं. उम्मीद है कि जांच ब्यूरो इस रिपोर्ट में […]

नयी दिल्ली : कोयला खदान आबंटन कांड की जांच में हुयी प्रगति के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में आज केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सीलबंद लिफाफे में नई रिपोर्ट दाखिल की. कोयला कांड की इस जांच की चपेट में अनेक कंपनियां, प्रमुख उद्योगपति और नौकरशाह आ गये हैं.

उम्मीद है कि जांच ब्यूरो इस रिपोर्ट में शीर्ष अदालत को 14वीं प्राथमिकी के बारे में जानकारी देगा जो उसने हाल ही में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, उनकी कंपनी हिन्डालको और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ दर्ज की थी.जांच ब्यूरो ने कोयला खदान आबंटन से संबंधित दूसरे मामलों की प्रगति के बारे में भी इस रिपोर्ट में न्यायालय को अगवत करायेगा. न्यायालय ने 29 अगस्त को इस मामले की ढुलमुल जांच के लिये सीबीआई को आड़े हाथ लिया था.

कोयला खदान आबंटन कांड की धीमी जांच के लिये सीबीआई की आलोचना करते हुये न्यायाधीशों ने कहा था कि जांच एजेन्सी अभी भी ‘पहले गियर’ में ही है और उसे गति प्रदान करनी होगी. शीर्ष अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि उन सभी कंपनियों के खिलाफ दिसंबर तक जांच पूरी की जाये जिन्हें कोयला खदानें आबंटित की गयी थीं.

न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था, ‘‘आपको कुछ गति पकड़नी होगी. जांच की रफ्तार अच्छी नहीं है. आप अभी भी पहले गियर में ही चल रहे हैं. आपके पास बड़ी जिम्मेदारी है और इस सभी को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाना होगा.’’

सीबीआई ने प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी हिंडाल्को की फाइलें

सीबीआई ने आज प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित सभी रिकार्ड मांगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने तीन दिन पहले ही कहा था कि प्रधानमंत्री ने इस आवंटन को मंजूरी मामले की उस ‘‘पात्रता’’ के आधार दी थी जो उनके समक्ष रखी गई थी.

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि यह कदम उच्चतम न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दायर करने के बाद उठाया गया जिसमें जांच एजेंसी ने आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के खिलाफ दर्ज नवीनतम मामले के बारे में न्यायालय को जानकारी दी.

सीबीआई ने प्राथमिकी में ‘‘सक्षम प्राधिकार’’ का भी उल्लेख किया है जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में बताया है कि वह सक्षम प्राधिकार प्रधानमंत्री थे जो यह निर्णय लेते समय वर्ष 2005 में कोयला मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे.

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