नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी कि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्होंने अपनेखाद्य आपूर्ति मंत्री आसिम अहमदको पद से हटा दिया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने ही एक मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत पेश किये. खाद्य आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद पर […]
नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी कि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्होंने अपनेखाद्य आपूर्ति मंत्री आसिम अहमदको पद से हटा दिया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने ही एक मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत पेश किये. खाद्य आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद पर बिल्डर से 6 लाख रूपये लेने का आऱोप लगा. केजरीवाल ने बताया कि उन्हें रात में ही यह सबूत मिला. रातभर बैठकर उन्होंने सबूतों पर गौर किया और प्रथमदृष्टया लगा कि आरोप सही है. इसी के मद्देनजर उन्होंने अपने मंत्री को जांच पूरी होने तक पद से हटाने का निर्णय किया. यह पूरा केस सीबीआई को सौपा जायेगा.
जबतक सीबीआई इस मामले की जांच करेगी तब तक वह मंत्री नहीं होंगे. अरविंद केजरीवाल ने इस कार्रवाई पर अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा, इतिहास में पहली बार इस तरह का मामला है कि किसी मंत्री पर आरोप लगे तो उसे 24 घंटे के अंदर हटा दिया गया. हम यह संदेश देना चाहते है कि अगर कोई भ्रष्टाचार करेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं. अगर मैं भ्रष्टाचार करूंगा तो मनीष सिसोदिया मुझे छोड़ेंगे नहीं मेरा बेटा भी अगर भ्रष्टाचार करेगा, तो उसे भी नहीं छोड़ेंगे. आसिम अहमद मटियामहल से विधायक हैं. उनकी जगह पर किसी और को यह मंत्री पद सौंपा जायेगा.
आम आदमी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार के आरोपों में आज हटाए गए पर्यावरण और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान का मामला अपने लोकपाल के पास भेजेगी. आप सूत्रों ने कहा कि नाम छिपाने का आग्रह करने वाले शिकायतकर्ता ने पहले एक वरिष्ठ पार्टी नेता को अपनी चिंता बताई और फिर कल एक ‘‘लिखित शिकायत’ दायर की.
जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस मामले की जांच के लिए और सबूत मांगे, कथित बातचीत वाली एक आडियो क्लिप जारी की गई जिसमें खान को एक बिल्डर से रिश्वत मांगते हुए सुना गया.एक नेता ने कहा, ‘‘जब हमने आडियो सुना, हमने पाया कि पहली नजर में खान दोषी हैं और हमने उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया.’ केजरीवाल द्वारा इस फैसले की घोषणा संवाददाता सम्मेलन में करने से पहले, आशुतोष, कुमार विश्वास और दिल्ली इकाई सचिव दिलीप पाण्डेय सहित आप नेताओं ने दिल्ली सचिवालय में बैठक की जहां मंत्री को बर्खास्त करने का फैसला किया गया.
आप प्रवक्ता दीपक बाजपेयी ने कहा, ‘‘हम इस मामले को पार्टी के लोकपाल को भेजेंगे जो इस मामले की जांच करेंगे.’ खान तीसरे आप विधायक और दूसरे मंत्री बन गये हैं जिनके मामले की जांच पार्टी का लोकपाल करेगा. पार्टी लोकपाल कोंडली विधायक मनोज कुमार और पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के फर्जी डिग्री मामले की जांच कर चुका है. प्रवक्ता ने कहा कि खान की किस्मत का फैसला लोकपाल की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमने यह फैसला किसी के दबाव में नहीं लिया. यह मामला ना तो मीडिया के पास था और ना ही किसी को जानकारी थी लेकिन हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए किसी को नहीं छोड़ेंगी हमें पूरा विश्वास है कि इस एक्शन से यह संदेश जायेगा कि यह लोग अगर अपन मंत्री पर इस तरह की कार्रवाई कर सकते हैं तो किसी और को छोड़ेंगे नहीं.
कांग्रेस नेता हारुन युसूफ ने कहा, हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन अगर केजरीवाल यह कदम नहीं उठाते तो कोई और उठाता. उन पर दबाव बनता. केजरीवाल अपने मंत्रियों को बचाने की कोशिश करके पहले फंस चुके हैं. अब वह ऐसा दोबारा नहीं करना चाहते. इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संदीप पात्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, उन पर दबाव था इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.