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2.5 करोड़ पीएफ खातों में निगेटिव बैलेंस, धोखेबाजों की नजर

नयी दिल्ली : अगर आपने अपने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) खाते को इन दिनों चेक नहीं किया है, तो जरूर उसकी जांच कर लें. क्या पता आपके पीएफ खाते में भी निगेटिव बैंलेस दिख रहा हो. जी हां, धोखेबाजों ने अब लोगों के पीएफ खातों में भी सेंध लगा दी है. अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की […]

नयी दिल्ली : अगर आपने अपने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) खाते को इन दिनों चेक नहीं किया है, तो जरूर उसकी जांच कर लें. क्या पता आपके पीएफ खाते में भी निगेटिव बैंलेस दिख रहा हो. जी हां, धोखेबाजों ने अब लोगों के पीएफ खातों में भी सेंध लगा दी है.

अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सभी पीएफ खातों में 30 फीसदी कम या करीब 2.5 करोड़ खातों में निगेटिव बैलेंस है. धोखाधड़ी करनेवालों ने फरजी तरह से दावे करके लोगों की रिटायरमेंट बचत को असुरक्षित बना दिया है. फरजी पहचान पत्र व कागजात लगा कर बैंक अकाउंट खोल लिये हैं.

* पीएफ विभाग आश्चर्यचकित : कर्मचारी भविष्य निधि विभाग पिछले कुछ दिनों में अलग-अलग दो निष्कर्ष से आश्चर्यचकित है. अब विभाग इस क्षति पूर्ति में जुटा है. इसने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी कर इन गड़बड़ियों की जिम्मेदारी तय करने को कहा है. इसके अलावा विभाग में निगेटिव बैलेंस को ठीक करने और सिस्टम के जरिये कोई फरजी दावा नहीं होने को सुनिश्नित करने को कहा है.

* विभाग के लोग भी शामिल : इस तरह के दावों में सिस्टम की जांच व बैलेंस से पकड़ में नहीं आनेवाले हथकंडे अपनाये गये हैं. समझा जाता है कि पीएफ स्टाफ पर इन फरजी दावों को आसानी से पास करने के लिए हथकंडे अपनाये गये हैं.

ऐसे में धोखेबाजों को डोरमेंट (निष्क्रिय) अकाउंट्स की जानकारी साझा करने और इस लूट में सक्रिय भागीदारी में विभाग के कर्मचारियों के भी शामिल होने की पूरी संभावना जतायी जा रही है. यह बात भी सामने आ रही है कि कई बार नियोक्ता ही अपने रिश्तेदारों को कर्मचारी बता कर पीएफ अकाउंट बना देते हैं.

* निष्क्रिय खातों में 16,000 करोड़ : इपीएफओ ने अप्रैल 2011 में तीन साल से अधिक समय तक डोरमेंट स्थिति वाले अकाउंट्स में इंटरेस्ट क्रेडिट करना बंद कर दिया है. इस समय करीब 3.04 करोड़ पीएफ अकाउंट को डोरमेंट स्टेट या इनऑपरेटिव माना गया है. इन अकाउंट्स में करीब 16,000 करोड़ का बैलेंस है. इनका कोई दावेदार नहीं है.

* पीएफ खातों को लेकर चिंता बढ़ी

करीब 8.15 करोड़ फॉर्मल सेक्टर कर्मचारियों के पीएफ खातों को लेकर चिंता बढ़ गयी है. इपीएफओ के मुख्य जांच अधिकारी संजय कुमार ने आंतरिक जांच शुरू करने के आदेश दे दिये हैं. इसमें फर्जी तरह से पैसे निकालने व लंबे समय से बिना फ्रेश इनफ्लो वाले अकाउंट के साथ गड़बड़ी होने की बात सामने आयी है.

बंद कंपनियों के दावों के निबटान में रहें सतर्क

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने कर्मियों को खासकर बंद पड़ी कंपनियों के संदर्भ में दावों के निबटान के समय सतर्क रहने को कहा है. विभाग के आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि सभी क्षेत्रीय कार्यालय से अनुरोध है कि वे उन बंद पड़ी कंपनियों के संदर्भ में दावों के निबटान को लेकर सतर्क रहें, जहां से कुछ साल से पैसा नहीं प्राप्त हुआ है. जो खाते परिचालन में नहीं है, निर्देशों का कड़ाई से पालन हो.

* क्या है नियम : उन खातों को परिचालन में नहीं माना जाता है जहां से 36 महीने में कोई योगदान नहीं आया है. इपीएफओ ने ऐसे खातों पर ब्याज देना बंद कर दिया है.

* क्या है आदेश : जांच में पता चला है कि ज्यादातर धोखाधड़ी के मामले वहां देखने को मिले हैं, जहां से कई साल से पैसा नहीं आया है, रिकार्ड अद्यतन नहीं हुए हैं व रिटर्न जमा नहीं किये गये हैं.

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