नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है, भाजपा में सीएम की उम्मीदवारी को लेकर विवाद बढता जा रहा है. कल सीएम पद के प्रमुख दावेदार विजय गोयल प्रेस कॉन्फ्रेस कर अपनी दावेदारी पेश कर दी थी, जिसके बाद से पार्टी में गतिरोध बन गया है. आज गोयल के समर्थकों ने नितिन गडकरी से मुलाकात करके उन्हें इस बात से अवगत कराया कि उन्हें डॉ हर्षवर्धन या कोई भी दूसरा उम्मीदवार मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार्य नहीं होगा.
इससे पहले बुधवार को गोयल ने भी पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से मुलाकात कर अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं और बताया कि हर सर्वे में वह दूसरों से आगे हैं. हालांकि, गडकरी ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि अभी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ है. गडकरी ने बाद में बयान जारी करके भी कहा कि इस विषय में बीजेपी संसदीय बोर्ड फैसला लेगा.
बगावती तेवर कायम रहने के बीच विजय गोयल ने गुरुवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि सीएम उम्मीदवारी के लिए उन्हें पार्टी के सामने शक्ति दिखाने की जरूरत नहीं. पिछले 8 महीने में किया गया शानदार काम उनके पार्टी के नेताओं को दिख रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इस रेस में वह अकेले नहीं हैं. गोयल से पार्टी के अंदर सीएम प्रत्याशी को लेकर चल रहे घमासान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘लोगों को इससे मतलब नहीं कि पार्टी का नेता कौन है. लोग ये जानना चाहते हैं कि दिल्ली की कायाकल्प के लिए बीजेपी का विजन क्या है.’