नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा एक बार फिर से विवादों में घिर गये हैं. शर्मा के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम पर दिये विवादित बयान की आलोचना अभी हो ही रही है कि उन्होंने लड़कियों को लेकर एक और विवादित बयान दे दिया है. शर्मा ने कहा है कि हमारे यहां लड़कियों का रात में घर से बाहर निकलना संस्कृति नहीं है. उन्होंने कहा कि लड़कियों का रात में घर से निकलना और पार्टी करना हमारी संस्कृति में नहीं है. भारत में इस संस्कृति को मंजूर नहीं किया जा सकता. शर्मा ने कहा है, ‘किसी दूसरे देश में लड़कियों का रात में घर से बाहर होने को मंजूरी मिल सकती लेकिन इसे भारत में मंजूर नहीं किया जा सकता. यह हमारे कल्चर में नहीं है.’
गौरतलब है कि पहले भी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को लेकर एक विवादित बयान दिया था. शर्मा ने कहा था कि राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मुसलमान होने के बावजूद एक महान राष्ट्रवादी थे. शर्मा ने एक चैनल से कहा, ‘हमने औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर कर दिया जो एक मुस्लिम होते हुए भी महान राष्ट्रवादी थे.’ कांग्रेस ने शर्मा के बयानों की तीखी आलोचना करते हुए इन्हें विद्वेषपूर्ण करार दिया. वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि मुसलमानों के राष्ट्रवाद पर संदेह जताने के लिए शर्मा को सरकार से बाहर कर दिया जाना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, ‘कांग्रेस और मैं, जो एक मुस्लिम हूं, प्रधानमंत्री और उनके मंत्री महेश शर्मा को बताना चाहते हैं कि मैं एक राष्ट्रवादी हूं और मेरे पिता और दादा भी राष्ट्रवादी थे और हमें यह कहने के लिए इस सरकार से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.’ ओवैसी ने कहा, ‘पहले तो मैं इस बारे में मोदी सरकार से जानना चाहूंगा क्योंकि संसदीय लोकतंत्र में सामूहिक जिम्मेदारी होती है. क्या यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय है कि यह सरकार भारत के 17 करोड़ स्वाभिमानी मुस्लिमों को राष्ट्रवादी के तौर पर नहीं देखती.’ एआइएमआइएम नेता ने कहा, ‘मंत्री महेश शर्मा संस्कृति मंत्री हैं लेकिन असांस्कृतिक व्यक्ति हैं जिन्हें 17 करोड़ स्वाभिमानी भारतीयों को राष्ट्रवादी होने का प्रमाणपत्र देने का जरा भी अधिकार नहीं है. मैं प्रधानमंत्री से जानना चाहूंगा कि उन्होंने कहा है कि वह एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर देंगे. क्या उनकी बात का यही मतलब था.’