नयी दिल्ली: त्यौहारों के मौसम से पहले केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि वे सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतें क्योंकि ईद-उल-जुहा का पर्व गणेश विसर्जन से एक दिन पहले पड रहा है.
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केंद्र ने राज्यों से सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सतर्क रहने को कहा
नयी दिल्ली: त्यौहारों के मौसम से पहले केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि वे सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतें क्योंकि ईद-उल-जुहा का पर्व गणेश विसर्जन से एक दिन पहले पड रहा है. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे परामर्श में गृह मंत्रालय ने कहा कि 17 से 27 सितंबर […]
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे परामर्श में गृह मंत्रालय ने कहा कि 17 से 27 सितंबर के दौरान 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाएगा जिसमें पारंपरिक पूजा, मेले, भीड वाले पंडाल तथा भगवान गणेश की प्रतिमाएं होंगी.
इस उत्सव का समापन विसर्जन के साथ होता है और ऐसे में कभी-कभार बडे जुलूस निकलते हैं. त्यौहार के दौरान खासकर मस्जिदों और दरगाहों के निकट उकसाने वाली नारेबाजी, विवादित स्थलों पर मूर्तियों की स्थापना एवं त्यौहार मनाना, गैर पारंपरिक रास्तों से जुलूस निकालना और जबरन अनुदान लेना, छेडखानी आदि से अक्सर सांप्रदायिक तनाव होता है.
ईद-उल-जुहा (कुर्बानी) आगामी 25 सितंबर को है और इसके अगले दिन गणेश विसर्जन है. कुर्बानी के मौके पर ईदगाहों में नमाज होती है और फिर पशुओं की कुर्बानी दी जाती है.
हाल के हफ्तों में हिंदू कार्यकर्ताओं ने गौहत्या के खिलाफ अभियान तेज किए हैं जिससे कई जगहों पर हिंसा भी हुई। अतीत में सार्वजनिक गैर पारंपरिक स्थानों पर पशुओं की कुर्बानी को लेकर भी सांप्रदायिक घटनाएं देखने को मिलीं.
परामर्श में कहा गया है, पंडालों, जुलूस के रास्तों और विसर्जन स्थलों पर विशेष निगरानी सांप्रदायिक घटनाओं तथा कानून-व्यवस्था की दूसरी समस्याओं को रोकने के लिए जरुरी है
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