नयी दिल्ली : सरकार द्वारा वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) को एकपक्षीय तरीके से लागू किये जाने की अटकलों के बीच पूर्व-सैनिकों ने आज कहा कि अगर उनकी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती तो वे अपने आंदोलन को तेज करेंगे.
भारतीय पूर्व-सैनिक आंदोलन के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, इस तरह की खबरें हैं कि सरकार जल्द ही ओआरओपी को लागू करने की एकपक्षीय तरीके से घोषणा कर सकती है. अगर यह हमारी शतोंर् के हिसाब से होगा तो हम इसका स्वागत करेंगे और सरकार को शुक्रिया अदा करेंगे.
उन्होंने कहा, अगर ऐसा नहीं होता तो एकपक्षीय घोषणा हमें स्वीकार्य नहीं है. हम अपने विरोध प्रदर्शन को तेज करेंगे. सिंह ने कहा, हमारी लड़ाई किसी नेता, राजनीतिक दल या सरकार से नहीं है. यह हमारे अधिकारों के लिए और हमारे साथ हुए अन्याय के खिलाफ है. जवानों ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग है कि ओआरओपी के क्रियान्वयन के लिए आधार वर्ष वित्त वर्ष 2013-14 के समाप्त होने के साथ 31 मार्च, 2014 से होना चाहिए.
उन्होंने कहा, हमने सुना है कि सरकार एक जुलाई के प्रभाव से घोषणा कर सकती है लेकिन हम इसके लिए तैयार नहीं हैं. इसके प्रभाव में आने की तारीख एक अप्रैल, 2014 होनी चाहिए. सिंह ने दावा किया कि सरकार को पेंशन को समान स्तर पर लाने के लिए लगातार छह वर्ष तक केवल 30 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.
उन्होंने कहा, अगर सरकार संसद की कैंटीन में सब्सिडी देने पर 60 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है तो मैं क्या कह सकता हूं. ओआरओपी को लागू करने को लेकर गतिरोध बना हुआ है, वहीं पिछले दरवाजे से बातचीत जारी हैं. पूर्व-सैनिकों की मांग को लेकर उनका विरोध प्रदर्शन 82वें दिन में पहुंच गया है और सिंह ने अन्य सेवानिवृत्त सैनिकों से भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की.