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ब्रज में दो दिन रहेगी जन्माष्टमी की धूम , तैयारियां जोरों पर

मथुरा : ब्रज में पिछले कुछ वर्षों की भांति इस वर्ष भी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव दो दिन यानी पांच व छह सितंबर को मनाया जाएगा और इसके लिए शहर में व्यापक बंदोबस्त किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालु सुचारु रुप से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मना सकें.दो दिन जन्माष्टमी मनाए जाने से श्रद्घालु पांच […]

मथुरा : ब्रज में पिछले कुछ वर्षों की भांति इस वर्ष भी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव दो दिन यानी पांच व छह सितंबर को मनाया जाएगा और इसके लिए शहर में व्यापक बंदोबस्त किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालु सुचारु रुप से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मना सकें.दो दिन जन्माष्टमी मनाए जाने से श्रद्घालु पांच व छह सितंबर को कुछ मंदिरों में जन्मोत्सव का आनंद ले सकेंगे तो वहीं छह व सात सितंबर को अन्य मंदिरों में नन्दोत्सव भी धूमधाम से मना सकेंगे.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव समिति की ओर से आज से ही जन्मस्थान परिसर स्थित रंगमंच पर रासलीला और भक्ति चरित्र लीलाओं का प्रदर्शन शुरु कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पांच सितंबर को रात्रि 12.26 बजे से रोहिणी नक्षत्र और 3.56 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी. रोहिणी नक्षत्र छह सितंबर की रात्रि 12.10 बजे तक और अष्टमी तिथि तडके 3.02 बजे तक रहेगा। इसलिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर के सभी मंदिरों में इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 5 सितंबर को मध्य रात्रि में मनाया जाएगा.

जिला प्रशासन ने भी लाखों श्रद्घालुओं के आने की संभावना के अनुसार सुरक्षा एवं व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं. जिलाधिकारी राजेश कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जन्मस्थान और आसपास के क्षेत्र में कुल मिलाकर 3000 से अधिक जवान तैनात रहेंगे जिनमें से तीन एएसपी, 16 सीओ, 250 दरोगा, 1000 सिपाही, 50 महिला दरोगा, 250 महिला सिपाही, दो टीआई, सात टीएसआई, 70 गोपनीय शाखा के लोग, पांच बम निरोधक दस्ते, फायर ब्रिगेड, 12 कंपनी पीएसी सहित अन्य सुरक्षा से जुडे लोग जन्मस्थान के बाहरी जोन में तैनात किए जाएंगे.
हरिद्वार में निकलने वाली झांकियों को पुरस्कृत किया जायेगा
झांकियों को पर्यटकों को आकर्षित करने का एक माध्यम बताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घोषणा की है कि इस वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर हरिद्वार में निकलने वाली झांकियों को पुरस्कृत किया जायेगा. यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, कल यहां संस्कृति विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये झांकियां एक अच्छा माध्यम बन सकती हैं और इसके लिये सार्थक प्रयास किये जाने चाहिये. इस कार्यक्रम को वार्षिक कलेण्डर में शामिल करने के निर्देश देते हुए रावत ने कहा कि अच्छी झांकियों के चयन के लिये एक समिति का गठन किया जायेगा और प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाली झांकियों को क्रमश: 50 हजार, 30 हजार, 25 हजार तथा सांत्वना पुरस्कार के रुप में 21 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जायेगी.
दोनों पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परिसर की आंतरिक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के 500, पीएसी के 250 जवान भी तैनात रहेंगे। निगरानी टावरों से हर वक्त निगरानी की जाएगी. जन्मस्थान की ओर जाने वाले मार्गों पर 11 वाहन पाकिंर्ग बनाई गई हैं और वहां भी पुलिस तैनात की जाएगीमंदिर के आसपास जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग की भी कई टीमें कार्यरत रहेंगी. कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान की सजावट के लिए कनाडा की क्लिप आर्ट तकनीकि का प्रयोग किया जा रहा है जिससे उसकी भव्यता एवं दिव्यता में चार चांद लग जाएंगे तथा संपूर्ण श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर अद्भुत आभा से दमकता नजर आएगा. सचिव ने बताया कि जन्मोत्सव के मुख्य स्थल भागवत भवन में ठाकुरजी के लिए पुष्पघंट फूल बंगला बनाया जा रहा है जिसमें भगवान के प्रति आस्था, कला एवं तकनीकि का संगम नजर आएगा.
इसके लिए एक महीने पहले से ही तैयारियां शुरु कर दी गई थीं. शर्मा ने बताया कि इस विधा से ब्रज के कारीगरों को रुबरु कराने के लिए कनाडा से खासतौर पर दो विशेषज्ञ भी पिछले दिनों मथुरा आए थे जो वर्तमान में फूल बंगला की रुपरेखा को तैयार करने में व्यस्त हैं. उन्होंने बताया कि मंदिरों को सजाने-संवारने तथा सतरंगी रोशनी से जगमगाने का कार्य अब अंतिम चरण में है. सचिव ने बताया कि इस बार ठाकुर जी को 11 हजार किलोग्राम प्रसाद का भोग लगाया जाएगा जो जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह से रात तक वहां आने वाले श्रद्घालुओं को वितरित किया जाता रहेगा.
वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी, राधा स्नेह बिहारी मंदिर, राधारमण मंदिर, राधा-श्यामसुंदर मंदिर, राधा-दामोदर मंदिर, इस्कॉन मंदिर एवं नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर आदि कुछ अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व छह सितंबर को मनाया जाएगा. ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सामान्य प्रशासन प्रबंधक उमेश सारस्वत के अनुसार जन्माष्टमी के पर्व पर मध्य रात्रि पश्चात दो बजे प्रभु की मंगला आरती होगी। ऐसा वर्ष में केवल एक ही बार होता है. उत्तर भारत में वृन्दावन स्थित दक्षिणी शैली के सर्वाधिक विशाल भगवान गोदा-रंगमन्नार मंदिर (सोने के लट्ठे वाला मंदिर के नाम से विख्यात) के प्रबंधक राजकुमार सूद ने बताया कि मंदिर में छह सितंबर को भगवान के जन्माभिषेक के पश्चात अगले दिन शाम पांच बजे लट्ठ के मेले का आयोजन होगा. नन्दगांव स्थित मंदिर के पुजारी ताराचंद गोस्वामी ने बताया कि उनके यहां खुर गिनती की परंपरा के चलते श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व रक्षाबंधन से आठवें दिन यानि 6 सितंबर को ही मनाया जाएगा.

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