नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के अंतर्गत आज कईयोजनाओं का जिक्र किया. विवादो मे रहे लैंड बिल पर भी प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सरकार अब लैंड बिल पर अध्यादेश नहीं लायेगी. प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि इस बिल पर विरोधियों की तरफ से डर फैलाया गया. किसानों को डराया गया. सरकार इस दिशा में13 बिंदुओं पर काम कर रही है इसे आज ही लागू कर दिया जायेगा.प्रधानमंत्री ने इसके अलावा कई योजनाओं की सफलता के लिए अफसर और जनता को बधाई दी.
त्योहार की शुभकामनाएं और योजनाओं का जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा,मेरे प्यारे देशवासियों, आप सबको नमस्कार। फिर एक बार, मन की बातें करने के लिए, आपके बीच आने का मुझे अवसर मिला है.सुदूर दक्षिण में लोग ओणम के पर्व में, रंगे हुए हैं और कल पूरे देश ने रक्षा बंधन का पर्व मनाया. मुझे ख़ुशी है की बहुत काम समय में सबने सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं को स्वीकारा हैं. मैंने एक गुज़ारिश की थी, कि, रक्षाबंधन के पर्व पर हम अपनी बहनों को ये सुरक्षा योजना दें I 11 करोड़ परिवार इस योजना से जुड़े हैं. मुझे ये भी बताया गया कि, क़रीब-क़रीब आधा लाभ, माताओं-बहनों को मिला है.मैं सभी माताओं-बहनों को रक्षाबंधन के पावन पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनायें भी देता हूँ. जन-धन योजना को लागू करने से संबंधित सरकार की सभी इकाइयों ने, सफ़लता पाई और अब तक 17 करोड़ 74 लाख बैंक खाते खोले गए. ज़ीरो बैलेंस से खाता खोलना था लेकिन गरीबों ने बचत करके, सेविंग करके 22,000 करोड़ की राशि जमा करवाई .
आज सवा लाख से भी ज़्यादा बैंक मित्र देशभर में काम कर रहे हैं . नौजवानों को रोज़गार भी मिला है. मैं सब को बधाई देता हूँ और बैंक के अकाउंट खोलने वाले सभी, भाइयों-बहनों को भी आग्रह करता हूँ, कि, आप बैंक से नाता टूटने मत दीजिये.
गुजरात शांति के मार्ग पर
पिछले दिनों गुजरात की घटनाओं ने, हिंसा के तांडव ने, सारे देश को बेचैन बना दिया.स्वाभाविक है कि गाँधी और सरदार की भूमि पर कुछ भी हो जाए तो देश को सबसे पहले सदमा पहुँचता है, पीड़ा होती है.बहुत ही कम समय में गुजरात के मेरे भाइयों- बहनों ने परिस्थिति को संभाल लिया और फिर एक बार शांति के मार्ग पर गुजरात चल पड़ा. शांति, एकता, भाईचारा यही रास्ता सही है…और विकास ही हमारी समस्याओं का समाधान है. पिछले दिनों मुझे सूफ़ी परम्परा के विद्वानों से मिलने का अवसर मिला .उनकी बातें सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा .
सूफी परंपरा का जिक्र
दुनिया को इस्लाम के सही स्वरुप को सही रूप में पहुँचाना सबसे अधिक आवश्यक हो गया है . मुझे विश्वास है कि सूफ़ी परम्परा जो प्रेम से, उदारता से जुड़ा हुआ है वे, इस संदेश को दूर-दूर तक पहुँचायेंगे . हम किसी भी संप्रदाय को क्यों न मानते हों, लेकिन, कभी सूफ़ी परम्परा को समझना चाहिये . पीएम भारत में, विश्व के कई देशों के बौद्ध परंपरा के विद्वान बौद्धगया आने वाले हैं,और मानवजात से जुड़े वैश्विक विषयों पर चर्चा करने वाले हैं. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरु बौद्धगया गए थे. मुझे खुशी है कि इन विद्वानों के साथ, बौद्धगया जाने का अवसर मुझे मिलने वाला है.
लैंड-एक्विज़ेशन एक्ट में सुधार के लिएतैयार
लैंड-एक्विज़ेशन एक्ट के सम्बन्ध में विवाद चल रहा है, उसके विषय में सरकार का मन खुला है. किसानों के हित के किसी भी सुझाव को मैं स्वीकार करने के लिए तैयार हूँ. मुझे, मेरे किसान भाइयों-बहनों को बताना है कि लैंड-एक्विज़ेशन एक्ट में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आई.अगर हमें गांवों में विकास करना है तो हमें अफ़सरशाही के चुंगल से, कानून को निकालना पड़ेगा और इसलिए सुधार का प्रस्ताव आया था. मैंने देखा कि इतने भ्रम फैलाए गए, किसान को भयभीत कर दिया गया. मैं ऐसा कोई अवसर किसी को देना नहीं चाहता हूं, जो किसानों को भयभीत करे, किसानों को भ्रमित करे. लैंड-एक्विज़ेशन आर्डिनेंस की सीमा समाप्त हो रही है, मैंने तय किया इसे समाप्त होने दिया जाए. 13 बिंदुओं को, हम नियमों के तहत लाकर के, आज ही लागू कर रहे हैं ताकि किसानों को नुकसान न हो.
जय-जवान, जय-किसान ये नारा नहीं है, ये हमारा मंत्र है . कृषि एवं किसान कल्याण विभाग बनाया जायेगा, जिसका निर्णय हमने बहुत तेज़ी से आगे बढ़ाया है. मेरे किसान भाइयों-बहनों अब न भ्रम का कोई कारण है, और न ही कोई भयभीत करने का प्रयास करें, तो आपको भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है.
वीरों को नमन
1965 के युद्ध के विजय के सभी संबंधितों को मैं प्रणाम करता हूँ , वीरों को नमन करता हुं. मुझे प्रसन्नता हुई कि साइंस के क्षेत्र में, भारत कई दिशाओं में, बहुत ही उत्तम प्रकार के काम कर रहा है. सभी नौजवान मित्र साइंस की तरफ़ रूचि लें, हमारे एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस भी विद्यार्थियों को प्रेरित करें.
ठाणे से, परिमल शाह ने @mygovindia पर मुझे एजुकेशनल रिफॉर्म्स के संबंध में लिखा है, स्किल्ड डेवलपमेंट के लिए लिखा है. तमिलनाडु के चिदंबरम से प्रकाश त्रिपाठी ने प्राइमरी शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों की ज़रूरत,शिक्षा क्षेत्र में सुधारों पर बल दिया है. मैं चाहता हूँ कि इंटरव्यू की परम्परा से एक स्तर से नीचे तो मुक्ति होनी चाहिये . क़रीब-क़रीब अब निर्णय अमल भी हो जायेगा कि इंटरव्यू के चक्कर से छोटी-छोटी नौकरियाँ छूट जायेंगी.
पोलियो के बाद शिशु मृत्यु और मातृ मृत्यु दर पर विजय पाना है
ग़रीब को सिफ़ारिश के लिए दौड़ना नहीं पड़ेगा, एक्सप्लॉइटेसन नहीं होगा, करप्शन नहीं होगा. माता-मृत्युदर, शिशु-मृत्युदर कम करने की कार्य योजना के लिए ‘कॉल टू एक्शन’, दुनिया के 24 देश मिलकर के भारत की भूमि में चिंतन किया.अमेरिका के बाहर ये पहली बार, किसी और देश में ‘कॉल टू एक्शन’ कार्यक्रम हुआ. देश में हर वर्ष क़रीब-क़रीब 50 हज़ार मातायें,13 लाख बच्चे, प्रसूति के समय ही या उसके तत्काल बाद मृत्यु हो जाती है, चिन्ताजनक है. हम लोगों ने पोलियो से मुक्ति पाई, वैसे ही हमारी माताओं को बचाना है, हमारे नवजात बच्चों को बचाना है. आजकल डेंगू की खबर आती रहती है, डेंगू खतरनाक है, लेकिन उसका बचाव बहुत आसान है.देश भर में 514 केन्द्रों पर डेंगू केलिए मुफ़्त जांच की सुविधायें उपलब्ध हैं. समय रहते जांच करवाना जीवन रक्षा केलिए उपयोगी है.
महाराष्ट्र के डॉ.हितेंद्र महाजन, डॉ.महेंद्र महाजन को बधाई
महाराष्ट्र के डॉ.हितेंद्र महाजन, डॉ.महेंद्र महाजन ने भारत का गौरव बढ़ाया है.“रेस अक्रॉस अमेरिका” साईकिल-रेस इस वर्ष दोनों भाईयों ने जीतकर भारत का सम्मान बढ़ाया है. इन दोनों को बहुत-बहुत बधाई. मुझे इस बात की खुशी है कि उनका ये अभियान “टीम इंडिया-विजन फॉर ट्राइबल्स” आदिवासियों के लिए कुछ कर गुज़रने के इरादे से हैं. मैं कई ऐसे युवकों को मिला हूँ जो जीवन में व्रत लिया है “संडे ऑन साईकिल”. ये हेल्थ के लिए, एनवायरमेंट के लिए अच्छा है.
अमेरिका में बनेगा अंबेडकर का स्मारक
‘हिन्दू मिल’ की ज़मीन,बाबा अम्बेडकर का स्मारक बनाने के लिए लम्बे अरसे से लटका पड़ा था. महाराष्ट्र सरकार ने इस काम को पूरा किया. अब वहाँ बाबा अम्बेडकर का भव्य स्मारक बनेगाI जो हमें दलित,पीड़ित,शोषित,वंचित केलिए कार्य करने की प्रेरणा देता रहेगा. लंदन में जहाँ बाबा अम्बेडकर रहते थे,वो मकान खरीद लिया है. अम्बेडकर की स्मारक महाराष्ट्र सरकार वहाँ बनाने वाली है. अगली “मन की बात” आने से पूर्व आप विचार मुझे बताइये, क्योंकि लोकतंत्र लोक-भागीदारी से चलता हैI मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें.
यह 11 वीं बार है जब प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के तहत जनता से रु-ब-रु होंगे. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपने इस कार्यक्रम के लिए ट्वीट करके लोगों से सुझाव मांगे थे. अपने पिछले कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की समस्या, सफ़ाई, बेटी बचाओ अभियान समेत कई अहम मुद्दों को उठा चुके हैं और देश के लोगों को रेडियो के माध्यम से संबोधित कर चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्तूबर में मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी. अक्तूबर से लेकर अबतक वह 10 बार लोगों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा कर चुके हैं. वे लोगों के सवालों के जवाब भी देते हैं. प्रधानमंत्री इसके लिए सरकारी पोर्टल पर लोगों से सुझाव भी मांगते हैं जिसकी चर्चा वे अपने कार्यक्रम के दौरान करते हैं. यह कार्यक्रम आज सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो के साथ दूरदर्शन के चैनलों पर भी प्रसारित होगा.