श्रीनगर : भारतीय सुरक्षा बल के साथ मुठभेड़ जिंदा पकड़ा गया आतंकी सज्जाद अहमद को आज पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. उसे सोपोर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आज पेश किया गया.गौरतलब हो कि सज्जाद को कल पकड़ा गया था. सज्जाद के चार साथियों को सुरक्षा बल ने मार गिराया. पकड़े जाने के बाद से सज्जाद से लगातार पूछताछ की जा रही है.
आतंकी सज्जाद ने पूछताछ में पाकिस्तान के खिलाफ कई अहम खुलासे किये हैं. उसने सबसे पहले अपने को पाकिस्तान के मुज्जफरगढ़ का बताया. एनआईए की पूछताछ में बताया कि उसे पाकिस्तान में लश्कर ए तैयबा में ट्रेनिंग दी गयी थी.सज्जाद ने बताया उसे 45 दिनों तक उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया था. हालांकि उसे किसी विशेष मिशन पर नहीं भेजा गया था.
उसने बताया कि इससे पहले भी उसने भारतीय सीमा में घुसपैट की कोशिश की थी. यह उसका तीसरा प्रयास था. उसे लश्कर की ओर से घाटी में संगठन को मजबूती प्रदान करने और लश्कर के गतिविधियों को बढ़ाने का काम सौंपा गया था.
* पाकिस्तानी आतंकवादी को सौंपा गया था कश्मीर में अपना ठिकाना स्थापित करने का कार्य
सुरक्षाकर्मियों द्वारा कल गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी सज्जाद अहमद को आतंकी संगठन लश्कर ए तय्यबा के लिए रफियाबाद में अड्डा स्थापित करने और स्थानीय आतंकी कय्यूम नज्जर के प्रभाव को कम करने का कार्य सौंपा गया था जिसने हिजबुल मुजाहिदीन से अलग होकर अपना संगठन बना लिया है.
पूछताछ करने वाले अधिकारियों को अहमद ने बताया कि वह 2012 में लश्कर ए तय्यबा में शामिल हुआ था और उसने इससे पहले पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कश्मीर घाटी में दो बार घुसने का प्रयास किया लेकिन भारी संख्या में सेना की तैनाती के कारण वह विफल रहा. अधिकारियों ने बताया कि चौथी कक्षा तक पढे आतंकवादी सज्जाद अहमद ने पूछताछ करने वालों को बताया कि वह बलूच है और दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुजफ्फरगढ़ में रहता है.
अधिकारियों ने कहा कि इस आतंकवादी को दो दिनों के अभियान के बाद पकड़ा गया था और इसमें उसके चार साथी मारे गए थे. उसने जमात उद दावा के लिए भी काम किया जिसका नेतृत्व लश्कर ए तैयबा प्रमुख और 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद करता है.
सज्जाद अहमद की आयु 22 वर्ष है और उसे तीन तरह का आतंकी प्रशिक्षण मिला जिसमें दौरा ए आम, दौरा ए खास और दौरा ए सुफा शामिल है. दौरा ए आम में छोटे हथियारों, ग्रेनेड फेंकने का 21 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है जबकि दौरा ए खास तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण है जिसमें एक राइफल, राकेट लांवर, विस्फोटक उपकरण बनाने और एलएमजी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. तीसरे तरह का प्रशिक्षण दौरा ए सुफा है जिसमें आतंकी कार्यो के लिए युवाओं को प्रेरित करने का काम किया जाता है.
समझा जाता है कि सज्जाद अहमद ने कहा कि उसे और अन्य लोगों को भेजने का मुख्य मकसद लश्कर ए तैयबा के लिए बारामूला जिले में रफियाबाद क्षेत्र में अड्डा स्थापित करना था. हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन से मतभेद के बाद नज्जर द्वारा कुछ समय पहले अपना संगठन बनाने के बाद से रफियाबाद में लश्कर ए तय्यबा के प्रभाव में कमी आई है.
अहमद ने कहा कि उसे अपने घर से कश्मीर में प्रवेश करने के लिए हाल ही में बुलाया गया था और उसे नज्जर के प्रभाव पर लगाम लगाने का दायित्व सौंपा गया था. अगर सज्जाद अहमद के बयान पर भरोसा किया जाए तो इससे संकेत मिलता है कि सलाहुद्दीन ने लश्कर ए तय्यबा से हाथ मिला लिया है जिसके निशाने पर नज्जर है.
* ऐसे बाहर आया सज्जाद
सेना के कमांडो ने गुफा में कल रात से छुपे आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए गुफा में मिर्ची बम और आंसू गैस के गोले दागे जिसके बाद आतंकवादी सज्जाद घबरा गया और दया की भीख मांगने लगा. सज्जाद अहमद को उसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया. 22 वर्षीय यह आतंकवादी उन पांच आतंकवादियों में से एक था जिन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से यहां घुसपैठ की थी. जब सेना को घुसपैठ की जानकारी हुई तो ये आतंकवादी एक गुफा में छुप गए. सेना आतंकवादियों की तलाश में कश्मीर के रफियाबाद में तलाशी अभियान चला रही थी.