भोपाल (नयी दिल्ली) : रतनगढ़ मंदिर के निकट भगदड़ के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने आज रात दतिया के जिलाधिकारी के अलावा तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
इस हादसे में 115 श्रद्धालुओं की जान गई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं. यह निर्णय चुनाव आयोग की मंजूरी लेने के बाद लिया गया है क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से ही आचार संहिता लागू है.
दतिया के जिलाधिकारी संकेत भोंदवें, पुलिस अधीक्षक सीएस सोलंकी, एसडीएम महिप तेजस्वी और एसडीओपी बीएन बसावे को निलंबित किया गया है.
राज्य सरकार ने आज दिन में राज्य चुनाव आयोग से सिफारिश की थी कि वह दतिया के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, सब डिविजनल पुलिस अधिकारी और सेवधा पुलिस थाने के पूरे स्टाफ को इस घटना के संबंध में निलंबित कर दे.
चूंकि जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं इसलिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ संपर्क में थी. उसने दूसरे अधिकारी का नाम सुझाया था और चुनाव आयोग ने रघुराज के नाम को मंजूरी दे दी है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि आरके मराठे दतिया के नए पुलिस अधीक्षक होंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को निलंबित करने का निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दतिया दौरे के बाद लिया गया. मुख्यमंत्री कल हुए इस हादसे का जायजा लेने के लिए दतिया गए थे.
मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लेने के बाद इस भगदड़ के लिए प्राथमिक रुप से इन अधिकारियों को जिम्मेदार पाया. राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं.
इस घटना की जांच रिपोर्ट करीब दो महीने में आनी है और उसके 15 दिन बाद कार्रवाई की जानी है. चौहान घटनास्थल पर जाना चाहते थे लेकिन चुनाव आयोग की अनुमति नहीं मिलने के कारण वह वहां नहीं जा सके.