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प्रतियोगी परीक्षाओं के गढ कोटा में बढ रहे हैं आत्महत्या के मामले : रिपोर्ट

कोटा : छात्रों के बीच प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों के लिहाज से शिक्षा का गढ माने जाने वाले कोटा शहर में वर्ष 2014 में लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं में 61 फीसदी का इजाफा हुआ और इनमें मुख्य वजह प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रेम में विफलता तथा पारिवारिक समस्याएं रहीं. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की […]

कोटा : छात्रों के बीच प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों के लिहाज से शिक्षा का गढ माने जाने वाले कोटा शहर में वर्ष 2014 में लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं में 61 फीसदी का इजाफा हुआ और इनमें मुख्य वजह प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रेम में विफलता तथा पारिवारिक समस्याएं रहीं. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की वर्ष 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में आत्महत्या की घटनाओं में 61 3 फीसदी इजाफा हुआ है और यह कदम उठाने वाले अधिकतर छात्र हैं.

वर्ष 2013 के आंकडे दिखाते हैं कि शहर में आत्महत्या के 62 मामले दर्ज किए गए थे. ब्यूरो ने आत्महत्या के पीछे 18 कारणों को सूचीबद्ध किया है लेकिन इनमें से सबसे प्रमुख कारण परीक्षाओं में विफलता , प्रेम संबंधों का टूटना और पारिवारिक समस्याएं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 में कोटा में आत्महत्या के 100 मामलों में से 45 मामले छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के थे जिन्होंने परीक्षा में विफल रहने पर यह कदम उठाया. इसके अलावा 26 ने प्रेम में विफल रहने पर और 24 ने पारिवारिक कारणों से जीवनलीला समाप्त की जबकि पांच मामलों में कोई कारण पता नहीं चल सका.

इन 100 मामलों में से 73 में पुरुषों और 27 में महिलाओं द्वारा खुदकुशी की गयी.आपराधिक आंकडों के वार्षिक विश्लेषण के अनुसार, राजस्थान के जोधपुर और जयपुर जैसे शहरों के मुकाबले कोटा में आत्महत्या के सबसे अधिक मामले पाए गए.

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