भोपाल : बहुचर्चित व्यापमं घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा के कल से शुरु होने वाले मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है. विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास करेगी और सत्तारुढ भाजपा द्वारा सदन में दृढतापूर्वक अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (कांग्रेस) सत्यदेव कटारे ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, हमने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा को पत्र लिखकर मांग की है कि व्यापमं घोटाले से जुडे 48 लोगों की मौत पर श्रद्घांजलि देने के साथ विधानसभा का मानसून सत्र शुरु किया जाये. लेकिन अभी तक हमें उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. दूसरी ओर, सत्तारुढ भाजपा ने अपने सभी मंत्रियों और विधायकों को विधानसभा के 31 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया है, ताकि व्यापमं घोटाले को लेकर कांग्रेस के सरकार पर किये जाने वाले हमले को विफल किया जा सके.
भाजपा के एक विधायक ने कहा कि भाजपा विधायक दल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में विधासनसभा में इस तर्क के साथ पूरी तरह से डटा रहेगा कि चौहान ने ही इस घोटाले की जांच शुरु करवाई थी और अब उच्चतम न्यायालय से इस घोटाले की सीबीआई जांच का भी अनुरोध किया था. करोड़ों रुपये के इस घोटाले में कई जाने-माने पेशेवर, राजनीतिज्ञ और नौकरशाह आरोपी हैं.
यह घोटाला मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से संबंधित है जिसके तहत प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) दाखिले और शिक्षक, चिकित्सा अधिकारी, सिपाही और वनरक्षक जैसे विभिन्न पदों के लिए परीक्षाएं ली जाती हैं. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई गत सोमवार से व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है. सीबीआई ने अब तक इस घोटाले में एक दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है. इससे पहले इस मामले की जांच कर रही मध्यप्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने 55 एफआईआर दर्ज की थीं तथा इसमें 28 आरोपपत्र न्यायालय में पेश किये थे.
इसके साथ ही कांग्रेस बालाघाट में खनन माफिया द्वारा पत्रकार सदीप कोठारी का अपहरण और बाद में उसका शव जली हुई हालत में महाराष्ट्र में मिलने की घटना को लेकर प्रदेश में बढ़ती अराजकता का मामला भी उठा सकती है.