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व्यापमं मामला: सीबीआई की याचिका पर 20 जुलाई को होगी सुनवाई

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायलय व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने पर आज राजी हो गया जिसमें उसने शीर्ष अदालत से अपील की है कि विशेष जांच एजेंसी (एसआईटी) को उन मामलों में आरोप पत्र दायर करने दिया जाए, जिनमें जांच पूरी हो चुकी है. प्रमुख न्यायाधीश […]

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायलय व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने पर आज राजी हो गया जिसमें उसने शीर्ष अदालत से अपील की है कि विशेष जांच एजेंसी (एसआईटी) को उन मामलों में आरोप पत्र दायर करने दिया जाए, जिनमें जांच पूरी हो चुकी है.

प्रमुख न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने जांच एजेंसी की याचिका की सुनवाई के लिए 20 जुलाई का दिन तय किया है और सीबीआई से कहा है कि वह याचिका की प्रति सभी संबंधित पक्षों को दे. सीबीआई की ओर से न्यायालय में पेश होने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले के 185 से ज्यादा मामले एसआईटी से सीबीआई को स्थानांतरित किए जाने में समय लगेगा और राज्य की जांच एजेंसी को उन मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने दिया जाए, जिनमें जांच पूरी हो चुकी है. एएसजी ने कहा, ‘‘ नहीं तो आरोपी इस आधार पर जमानत हासिल कर लेंगे कि तय समय सीमा के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं हुआ.’’
बीती नौ जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने व्यापमं घोटाले से जुडे सभी मामलों और कथित तौर पर इस पूरे प्रकरण से जुडी मौतों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने यह आदेश कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किया था. इनमें से एक याचिका कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की भी थी. दिग्विजय सिंह ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से अपील की थी कि व्यापमं घोटाले से जुडे मामलों की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई से करवाई जाए. आदेश जारी करते हुए न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार के उस अभ्यावेदन पर भी गौर किया था कि उसे व्यापमं घोटाले से जुडे मामलों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि व्यापमं घोटाले से जुडे लगभग 49 लोग संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए हैं. इस आरोप को राज्य सरकार ने खारिज किया है. मरने वाले लोगों का आधिकारिक आंकडा लगभग 25 का है, जिसके बारे में राज्य सरकार का कहना है कि इनमें आत्महत्याएं, दुर्घटनाएं और कई अन्य अप्राकृतिक मौतें भी शामिल हैं.
कई करोड रुपये के इस व्यवसायिक परीक्षा घोटाले में कई उच्च स्तरीय पेशेवर, नेता और अफसरशाह आरोपियों के रुप में शामिल है. इस कथित घोटाले में मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल शामिल है, जो कि शिक्षकों, चिकित्सा अधिकारियों, कॉन्सटेबलों और वन्य सुरक्षाकर्मियों जैसे कई पदों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करवाता है.

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