नयी दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी आगामी आम चुनाव से पहले एक गैर कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष गठबंधन बनाने के उद्देश्य से समाजवादी पार्टी, जनता दल (युनाइटेड) और बीजू जनता दल समेत अन्य दलों के साथ बातचीत कर रही है और इसके पहले कदम के तौर पर वह इस माह के अंत तक होने वाले सांप्रदायिकता विरोधी सम्मेलन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहती है.
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ,‘‘समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू), जनता दल (से) और बीजू जनता दल समेत गैर कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ सांप्रदायिक ताकतों की ओर से उभरने वाले खतरों से इस धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य को बचाने के लिए बातचीत कर रही है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह ‘तीसरे मोर्चे’ के गठन की नींव रखेगा, उन्होंने कहा कि यह सब कुछ चुनाव के परिणाम पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम सम्मेलन की सफलता के लिये काम कर रहे हैं. फिलहाल यही उदेश्य है.’’
माकपा महासचिव प्रकाश करात और अन्य पार्टी नेता पिछले कुछ समय में सपा प्रमुख मुलायम सिंह और जदयू प्रमुख शरद पवार जैसे नेताओं से इस बारे में बातचीत कर रहे हैं. अन्य वामपंथी दल भी 30 अक्तूबर को धर्मनिरपेक्षता पर होने वाले इस सम्मेलन में भाग लेंगे. तेलंगाना के गठन के सरकार के निर्णय के बाद आंध्र प्रदेश में पैदा हुए हालात के बारे में येचुरी ने ‘सिर्फ कांग्रेस’ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह पूरी अव्यवस्था कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार द्वारा की गयी गडबडी के कारण फैली है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के बारे में वर्ष 2009 में निर्णय लेने के बाद उन लोगों ने इस बारे में कुछ नहीं किया, पानी और बिजली के बंटवारे तथा अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी कोई निर्णय नहीं किया. उनकी निष्क्रियता ने राज्य में इतनी अशांति फैला दी.