गुवाहाटी: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आज जहां आजादी के बाद पूर्वोत्तर के कम विकास और पिछडेपन के लिए केंद्र की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने अपने राज्य के लिए केंद्र से इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली की मांग की ताकि स्थानीय लोगों का संरक्षण किया जा सके. गोगोई ने अंतरराज्यीय आतंकवाद निरोधक खुफिया प्रणाली बनाए जाने की जरुरत पर बल दिया जबकि तुकी ने सीमा विवाद का मुद्दा उठाया.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री सरकार ने कहा, पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोही गतिविधियां बने रहने का प्रमुख कारण कम विकास एवं पिछडापन है. ब्रिटिश शासन के दौरान इस क्षेत्र के विकास के लिए शायद ही कोई ध्यान दिया गया हो. दुखद है कि आजादी के बाद पिछले 68 सालों में केंद्र सरकार का रवैया भी बहुत उत्साहजनक नहीं रहा है.
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि भले ही विद्रोही गतिविधियां उपरी तौर पर एक सुरक्षा समस्या नजर आए लेकिन इसकी जडे गरीबी, असंतोष, वंचना में पैबस्त हैं तथा इसके साथ विभिन्न ऐतिहासिक एवं राजनीतिक कारण हैं.
बैठक को संबोधित करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ह्यह्यमणिपुर में स्थानीय लोगों के सरंक्षण के लिए उपयुक्त कानून बनाने की मांग बढ रही है. मेघालय जैसे पूर्वोत्तर के कुछ अन्य राज्यों में भी इसी तरह की मांग है. इस मांग को लोगों का समर्थन मिल रहा है क्योंकि नगालैंड, मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में आईएलपी प्रणाली है.
सिंह ने कहा, ह्यह्यकेंद्र को सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए आईएलपी की तर्ज पर इस मुद्दे के लिए एकसमान कानून लाना चाहिए…केंद्र सरकार को इस मुद्दे का कोई समाधान निकालना चाहिए.बैठक में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि पूर्वोत्तर में विद्रोह की समस्या से प्रभावी रुप से निबटने के लिए अंतरराज्यीय आतंकवाद निरोधक खुफिया प्रणाली बनाए जाने की जरुरत है.
उन्होंने कहा, ह्यह्यआतंकवाद के खिलाफ अंतरराज्यीय ढांचे की जरुरत है ताकि खुफिया सूचनाओं के आदान प्रदान और संयुक्त अभियानों में समन्वय को बेहतर किया जा सके तथा पडोस के राज्यों एवं देशों में घटनाक्रमों की निगरानी की जा सके।ह्णह्ण बैठक में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने कहा कि उनके राज्य में असम के साथ अंतरराज्यीय सीमा विवाद तथा बाहर के भूमिगत समूहों की गतिविधियों सहित विभिन्न मुद्दों पर चुनौतियां बढ रही हैं.
उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर सहमति है कि यथास्थिति को बरकरार रखा जाए.