नयी दिल्ली : अलग तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी मिलने के साथ ही आंध्र प्रदेश की राजनीति में भूचाल का आ गया है. कैबिनेट के फैसले के अनुसार हैदराबाद 10 साल तक तेलंगाना और सीमांध्र की राजधानी रहेगी. फैसले का विरोध करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने 72 घंटे का बंद बुलाया है.
तेलंगाना अलग राज्य के फैसले के विरोध में केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी ने इस्तीफा दे दिया. वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी. सीमांध्र से कांग्रेस के तीन सांसद अरुण कुमार,अनंत रेड्डी और सब्बम हरी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने आध्र प्रदेश का विभाजन कर अगल तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी गयी है.
बंद के कारण सीमांध्र में आम जनजीवन प्रभावित
आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय के खिलाफ आज सुबह से यहां शुरु हुए 48 घंटे के बंद के कारण राज्य के तटवर्ती आंध्र एवं रायलसीमा क्षेत्रों में आम जनजीवन ठप हो गया.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने कैबिनेट के निर्णय के बाद उत्पन्न घटनाक्रमों पर विचार विमर्श के लिए मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं विधान पार्षदों की आज दोपहर एक आपात बैठक बुलायी है. संयुक्त आंध्र समर्थकों ने राजमार्ग पर नाकेबंदी कर दी तथा दोनों क्षेत्रों में दुकानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं शिक्षण संस्थानों को जबरदस्ती बंद करवाया.
प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न नगरों में रैलियों और धरनों का आयोजन किया. आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम सहित राज्य सरकार के आंध्र समर्थक कर्मचारी मध्य अगस्त से ही हड़ताल कर रहे हैं. श्रीकाकुलम, कडप्पा, चित्तूर जैसे जिलों से सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और सत्तारुढ़ कांग्रेस के कार्यालयों पर हमले की खबरें मिली हैं.
आंध्र प्रदेश गैरराजपत्रित अधिकारियों तथा संयुक्त आंध्र समर्थकों ने 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है. वाईएसआर कांग्रेस ने 72 घंटे के बंद का अलग से आह्वान किया है. अनंतपुर जिले में तेदेपा एवं वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष हुआ. तेदेपा विधायक परिताला सुनीता ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान उन्हें रोकने का प्रयास किया और उन पर पथराव भी किया.