नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि मध्य प्रदेश के कथित व्यापं घोटाले में जमानत और इससे संबंधित दूसरे मामलों की सुनवाई के लिये विशेष पीठ गठित करने की हिमायत की। न्यायालय ने इस मामले में एक आरोपी को प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपने प्रकरण का उल्लेख करने की छूट प्रदान की.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुये उसे प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इसका उल्लेख करने की छूट प्रदान की.
न्यायालय ने कहा कि पहले भी एक आवेदक को उचित पीठ गठित करने के लिये प्रधान न्यायाधीश के समक्ष उल्लेख करने की अनुमति प्रदान की गयी थी. न्यायालय ने कहा कि इससे जमानत के बारे में न्यायिक आदेश देने में तारतम्यता बनाये रखने में मदद मिलेगी. न्यायालय जुबेर अहमद की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तीन व्हिसलब्लोअर की याचिकाओं पर कल सुनवाई के लिये तैयार हो गयी थी. इन याचिकाओं में शीर्ष अदालत की निगरानी में इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया है.
सिंह और व्हिसिलब्लोअर आशीष चतुर्वेदी, डा आनंद राय और प्रशांत पाण्डे ने शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के लिये ये याचिकायें दायर की हैं.