नयी दिल्ली: भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर ने तुलसी राम प्रजापति मुठभेड़ मामले के सिलसिले में एक स्टिंग ऑपरेशन में दिखाई गई बैठक में अपनी मौजूदगी की बात वस्तुत: स्वीकार की है.सीबीआई सूत्रों ने दावा किया कि जावडेकर ने एजेंसी मुख्यालय में 27 सितंबर को पूछताछ के दौरान पूरी तरह सहयोग किया और कहा कि वह उस बैठक में मौजूद थे जिसे एक स्वतंत्र पत्रकार ने गुप्त कैमरे में रिकार्ड कर लिया था.
एजेंसी ने पार्टी सांसद भूपेंद्र यादव से भी पूछताछ की और भाजपा महासचिव रामलाल को तलब किया. वह भी मुठभेड़ मामले से जुड़े स्टिंग ऑपरेशन में दिखे थे. तीनों नेताओं ने कानूनी प्रक्रिया को पलटने का प्रयास करने के आरोपों का खंडन किया था और कहा कि वे निर्दोष हैं.
स्टिंग ऑपरेशन में नेताओं को कथित तौर पर चर्चा करते दिखाया गया कि प्रजापति की मां नर्मदाबाई को कैसे समझाया जा सकता है कि वह अपना ‘वकालतनामा’ बदलें. उन्होंने यह आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है कि उनके बेटे की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई. इसमें भाजपा महासचिव अमित शाह आरोपी हैं.
हालांकि, भाजपा ने दावा किया है कि स्टिंग ऑपरेशन में तीनों नेताओं के खिलाफ कुछ भी अभियोगात्मक नहीं है. प्रजापति सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले का गवाह था. प्रजापति की दिसंबर 2006 में हत्या कर दी गई थी. उसकी हत्या गुजरात में फर्जी मुठभेड़ में शेख की हत्या के एक साल बाद की गई थी.स्टिंग ऑपरेशन करने वाले पत्रकार ने आरोप लगाया था कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने नर्मदाबाई से बिना तारीख वाला ‘वकालतनामा’ हासिल किया ताकि न्यायिक कार्यवाही को पलट सकें.