नयी दिल्ली : गंभीर अपराध जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने सारधा चिट फंड घोटाले में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है. सारधा घोटाले तथा 62 अन्य इकाइयों के चिट फंड परिचालन में एसएफआईओ की जांच में गंभीर वित्तीय कुप्रबंधन और प्रवर्तकों द्वारा धन को इधर-उधर करने का मामला पकड़ा गया है. इन लोगों ने नियामकीय खामियों का फायदा उठाया.
कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कल एसएफआईओ की अंतरिम रिपोर्ट के अंश जारी करते हुए कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी जांच एजेंसी इन इकाइयों के देश के बाहर स्थित कंप्यूटर सर्वरों में जमा जानकारी भी जुटाने का प्रयास कर रहा है.
इस बारे में गंभीर अपराध जांच कार्यालय अंतिम रिपोर्ट दिसंबर में सौंपेगा. अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में स्थित इन इकाइयों के सर्वरों से फारेंसिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से उपयोगी सूचना जुटाई गई है.
इसमें कहा गया है कि प्रवर्तन एजेंसियां देश के बाहर स्थित सर्वरों से सूचना जुटाने के लिए सभी प्रयास कर रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों के प्रवर्तकों ने कानूनों की विविधता तथा उनके प्रभाव क्षेत्र में घालमेल का फायदा उठाया.
इसमें कहा गया है कि जांच में वित्तीय कुप्रबंधन तथा प्रवर्तकों को धन को इधर उधर करने के प्रमाण भी मिले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि समूह की एक कंपनी के प्रवर्तकों द्वारा सहयोग नहीं मिलने पर एसएफआईओ ने अदालत से उचित आदेश हासिल कर जांच और जब्ती की कार्रवाई की.
कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने गंभीर अपराध जांच कार्यालय को पूर्वी राज्यों और सारधा सहित पांच कारोबारी समूहों की 63 कंपनियों की जांच का निर्देश दिया गया था.
इस तरह की चिट फंड कंपनियों का नियमन चिट फंड कानून 1982 के तहत राज्य सरकारों के अंतर्गत आता है. पश्चिम बंगाल के सारधा घोटाले के बाद चिट फंड कंपनियों को लेकर काफी होहल्ला मचा था जिसके बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने अप्रैल में इसकी जांच का आदेश दिया था. उस समय एसएफआईओ में इस तरह की चिट फंड कंपनियों के कामकाज की जांच के लिए विशेष कार्यबल का गठन किया गया था.
मंत्रालय ने कहा कि सरकार द्वारा पहले ही कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं. सरकार ने बेहतर अंतर एजेंसी समन्वय के लिए एक अंतर मंत्रालयी समूह का गठन किया है.
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सारधा समूह में पैसा गंवाने वाले निवेशकों को उनका पैसा लौटाने का वादा निभाते हुये आज 939 ऐसे निवेशकों को चेक वितरित किये. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा स्थापित न्यायमूति (सेवानिवृत) श्यामल सेन आयोग की सिफारिश पर ये चेक बांटे गये. इनमें पोंजी स्कीम में 10,000 रुपये तक जमा करने वाले निवेशक शामिल हैं. न्यायमूति सेन ने कहा कि 929 के अलावा दुर्गा पूजा से पहले 1.04 लाख निवेशकों को भुगतान कर दिया जायेगा.