कोलकाता: भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज कहा कि देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और उससे बाहर निकलने के लिए किसी ‘यथार्थवादी’ प्रधानमंत्री की जरुरत है न कि मनमोहन सिंह जैसे किसी अर्थशास्त्री की.सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री चुप हैं और सोच रहे हैं कि क्या किया जाए. उन्होंने संप्रग और राजग कार्यकालों की तुलना पर बल देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री एक बड़े अर्थशास्त्री हैं, वाजपेयी कोई अर्थशास्त्री नहीं बल्कि यथार्थवादी थे.
राजनाथ सिंह ने आईसीसी और एमसीसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि संप्रग के 2004 में सत्ता आने के बाद रुपया वेंटिलेटर पर चला गया जबकि डालर एस्कलेटर पर चढ रहा है वहीं घरेलू निवेशक विदेशों में निवेश के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में चालू खाता घाटे में भारी वृद्धि हुयी वहीं विदेशी रिण भी काफी बढ़ गया. ‘‘मौजूदा समस्या संप्रग सरकार के नियंत्रण से बाहर है और भारत को बदलाव की जरुरत है.’’ सिंह ने कहा, ‘‘सरकार की गलत नीतियों एवं योजनाओं तथा भ्रष्टाचार के कारण यह स्थिति बनी. मैं कह रहा हूं कि कामयाबी की कहानी अभी पूरी नहीं हुयी है बल्कि भाजपा की वापसी की प्रतीक्षा है.’’