संयुक्त राष्ट्र/नयी दिल्ली : भारत ने रविवार को कहा कि योग ‘‘नकारात्मक प्रवृत्तियों को’’ पैदा होने से रोकने का काम कर सकता है और मानवता को ऐसे समय सौहार्द एवं शांति के रास्ते पर ले जा सकता है जब जातीय संघर्ष और चरमपंथी हिंसा समाजों को अस्थिर करने का खतरा पैदा कर रही है. संयुक्त राष्ट्र में पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर संबोधन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘पूरा विश्व एक परिवार है और हम योग से इसे जोड सकते हैं.’’
उन्होंने ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब जातीय संघर्ष और चरमपंथी हिंसा समाजों को अस्थिर करने का खतरा पैदा कर रही है, योग इस तरह की नकारात्मक प्रवृत्तियों को पैदा होने से रोकने के उचित माध्यम का काम कर सकता है और हमें सौहार्द एवं शांति के पथ पर आगे बढा सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि योग ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की शानदार भारतीय परंपरा में भाईचारे तथा एकता के संदेश को बढाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का अहम अस्त्र बन सकता है. ’’
इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून, महासभा के प्रमुख सैम कुतेसा, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर और अमेरिकी सांसद तुलसी गबार्ड सहित अन्य मौजूद थे. उधर, जिनीवा से मिली खबर के अनुसार, जिनीवा के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय परिसर में भी पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और इस दौरान राजदूतों, संयुक्त राष्ट्र, डब्ल्यूटीओ तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने योगासन किये.