नयी दिल्ली : जर्मनी के राजदूत माइकल स्टेनर ने आज कहा कि उनका देश मौत की सजा का विरोध करता है, लेकिन वह इस सवाल को टाल गए कि उनके देश ने खालिस्तानी आतंकवादी देविंदर पाल सिंह भुल्लर के लिए नरमी की मांग की है. स्टेनर ने कहा कि मौत की सजा पर जर्मनी का ‘सैद्धांतिक रुख’ है और इसका मतलब किसी के आंतरिक मामले में दखल देना नहीं है.
उनसे यह सवाल किया गया था कि भुल्लर के लिए नरमी की मांग करना भारत के आंतरिक मामले में दखल नहीं है? जर्मन राजूदत ने कहा, ‘‘जर्मनी का यह सैद्धांतिक रुख है कि वह मौत की सजा का विरोध करता है क्योंकि हमारा नहीं मानना है कि इससे न्याय का मकसद पूरा होता है.’’ उनसे पूछा गया था कि जर्मन राष्ट्रपति जोयाचिम गाउक और विदेश मंत्री गुइदो वेस्टरवेल ने अपने भारतीय समकक्षों को पत्र लिखकर भुल्लर के लिए नरमी की मांग की है.
पत्र के बारे में दोबारा पूछे जाने पर स्टेनर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि किसी का सैद्धांतिक रुख है तो यह किसी के आंतरिक मामले में दखल नहीं है.’’उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने भुल्लर की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपनी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी.