नयी दिल्ली : अपनी 5,000 किलोमीटर मारक क्षमता के साथ पूरे चीन और यूरोप तक पहुंच बना सकने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 दो साल में सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार होगी और इस बीच डीआरडीओ ने कहा कि वह 10,000 किलोमीटर क्षमता वाली मिसाइल का निर्माण कर सकता है.
कल आयोजित होने वाले एक सेमिनार के संबंध में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीआरडीओ के प्रमुख अविनाश चंद्र ने कहा कि परमाणु हमले की स्थिति में देश के शस्त्र भंडार में मौजूद सभी बैलिस्टिक मिसाइलों को कैनिस्टर में रखा जाएगा ताकि प्रतिक्रिया का समय कम किया जा सके.
उन्होंने कहा कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक देश की पहली स्वदेश निर्मित परमाणु संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत नौसेना में शस्त्रों के शामिल होने के लिहाज से परीक्षण करेगी.
चंद्र ने कहा, दरअसल मारक क्षमता मिसाइल के लिए कम समस्या वाली बात है. हमारे पास किसी भी रेंज तक जाने की पूरी क्षमता है. अगर हमें किसी क्षमता विशेष तक पहुंचना है तो हम दो से ढाई साल में उसे हासिल कर सकते हैं. डीआरडीओ अध्यक्ष से पूछा गया था कि क्या संस्थान सरकार की मंजूरी मिलने पर 10,000 किलोमीटर क्षमता की मिसाइल बना सकेगा.