नयी दिल्ली. संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के एक बयान से विवाद पैदा हो गया है. एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में महाराष्ट्र में बीफ बैन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसे गाय का मीट खाना हो, वह पाकिस्तान या अरब देशों में चला जाये. अब सत्ता के गलियारे से दलाल गायब हो गये हैं. आज अल्पसंख्यक समाज का कोई भी लड़का आतंकी गतविधियों में हिस्सा नहीं ले रहा है.
बीफ पर प्रतिबंध पर नकवी ने कहा कि यह एक श्रद्धा और विश्वास का मामला है. उन्होंने कहा, यदि कोई बीफ खाये बिना मर रहा है, तो वह पाकिस्तान या अरब देश चला जाये. उनकी इस देश में कोई जगह नहीं है. हिन्दुस्तान में गाय का मीट नहीं मिलेगा. कार्यक्रम में शिरकत कर रहे ऑल इंडिया मुसलिम मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री बीफ खाते हैं, क्या उनको पाकिस्तान भेज दिया जाये? मुसलिम वोट बैंक के सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘मैं मुसलमानों का लीडर नहीं हूं. मैं सिर्फ ये कह रहा हूं कि मोदी सरकार अल्पसंख्यकों के लिए बजट क्यों नहीं बढ़ा रही है?
हम चाहते हैं कि सच्चर और रंगनाथ मिश्र कमेटी की सिफारिशें लागूं की जायें. ओवैसी ने कहा-आतंकवाद पर मोदी सरकार का दोहरा रवैया है. सरकार अल्पसंख्यकों की बात तो करती है, लेकिन बजट में 561 करोड़ रु पये कम कर दिये गये. भाजपा में कभी अल्पसंख्यकों को तरहीज नहीं मिली. महाराष्ट्र में बीफ बैन कर दिया गया. इससे करीब पांच लाख मुसलिम प्रभावित हुए हैं. गरीब मुसलमानों के बारे में मोदी सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं हुई है.