चंडीगढ: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, उनकी पत्नी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और सीबीआई को आज उस याचिका पर नोटिस जारी किये जिसमें मोगा छेडखानी मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी.
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति लीजा गिल की पीठ ने इस याचिका पर 27 मई तक जवाब के साथ ही पंजाब सरकार से 10 से अधिक स्टेज कैरेज बसों का स्वामित्व रखने वाले सभी ऑपरेटरों की शेयरधारकता के विवरण और ऑर्बिट एविएशन के पिछले पांच साल की बैलेंस शीट का ब्योरा मांगा गया है.
पीठ अधिवक्ता जसदीप सिंह बैंस की ओर से घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस घटना में एक किशोरी की मौत हो गई थी. उससे छेडखानी किए जाने के बाद उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया गया था. यह बस बादल परिवार के स्वामित्व वाली परिवहन कंपनी ऑर्बिट एविएशन की थी. लडकी की मां हमले में जीवित बची थी.
अदालत ने राज्य से विगत एक वर्ष में राज्य में स्टेज कैरेज ऑपरेटरों के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या के बारे में अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है.
पीठ ने पंजाब के महाधिवक्ता को यह भी निर्देश दिया कि वह मोगा जिले के बाघापुराना थाने में 30 अप्रैल 2015 को दर्ज प्राथमिकी संख्या 62 को पेश करे और साथ ही विगत एक वर्ष में स्टेज परमिट धारकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का खुलासा करे.इससे पहले पिछले सप्ताह, राज्य सरकार ने पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के स्वामित्व वाली बसों और निजी ऑपरेटरों की बसों का भी ब्योरा प्रदान किया था.