नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम के तहत अपराधों के लिए और कठोर सजा का प्रावधान करने तथा कुछ और अपराधों को उसके दायरे में लाने के लिए इस कानून में संशोधनों पर कल की अपनी बैठक में विचार कर सकता है.
सूत्रों के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय द्वारा तैयार मसौदा के अनुसार साझी संपत्ति का उपयोग करने में बाधा डालना, जादूटोना के आरोपों, पूजा स्थलों पर प्रवेश से रोकना, सामाजिक एवं आर्थिक बहिष्कार तथा वैमनस्य को बढ़ावा देना ऐसे अपराध हैं जो संशोधित अधिनियम के अंतर्गत आएंगे.
मंत्रालय यह भी चाहता है कि बलात्कार एवं अपहरण जैसे अन्य अपराधों पर भी यह कानून लागू हो.