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मुजफ्फरनगर हिंसा : मुस्लिम संगठन ने राष्ट्रपति शासन की मांग की

नयी दिल्ली : कई मुस्लिम संगठनों ने आज यह कहते हुए उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा पर काबू पाने में विफल रहे. यहां जमीयत उलेमा ए हिंद के […]

नयी दिल्ली : कई मुस्लिम संगठनों ने आज यह कहते हुए उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा पर काबू पाने में विफल रहे.

यहां जमीयत उलेमा ए हिंद के केंद्रीय दफ्तर में विभिन्न मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सपा सरकार दंगा प्रभावित क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है.

मुस्लिम संगठनों ने अखिलेश यादव का यह दावा खारिज कर दिया कि दंगे विपक्ष की साजिश हैं और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी राजनीतिक व्यवस्था में विपक्ष सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़कर और कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी कर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करता है लेकिन सत्तारुढ़ दल का यह कर्तव्य है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखे.

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अखिलेश सरकार ऐसा करने में बिल्कुल विफल रही अएतव सरकार को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. ’’ मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाया कि सपा के दो साल के शासन में 105 से अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं जो सरकार की विफलता का परिचायक है.

इस संवाददाता सम्मेलन को जमीयत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी, ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य डॉ. क्यू इलयास, जमात ए इस्लामी हिंद के महासचिव मौलाना नुसरत अली, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत के अध्यक्ष डा. जफरुल इस्लाम, मिली पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. तस्लीम रहमानी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने संबोधित किया. मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा में अबतक 40 लोगों की जान जा चुकी है.

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