नयी दिल्ली :जीएसएम ऑपरेटर जिस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करते हैं, टेलिकॉम रेगुलेटर ने उनके बेस प्राइस में 60 फीसदी कटौती की सिफारिश की है.आरक्षित मूल्य काफी ऊंचा होने की वजह से पिछली दो नीलामियों में दूरसंचार कंपनियों ने उत्साह नहीं दिखाया था.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 900 मेगाहट्र्ज और 1,800 मेगाहट्र्ज बैंड में नीलामी के लिये आधार मूल्य यानी न्यूनतम आरक्षित मूल्य की सिफारिश की है.2जी स्पेक्ट्रमके लिये नवंबर और मार्च में हुई नीलामी के बाद बचे स्पेक्ट्रम की नीलामी का आयोजन किया जाना है.
ट्राई ने 800 मेगाहर्ट्ज बैंड की प्राइसिंग के बारे में सुझाव नहीं दिए हैं. इनका इस्तेमाल सीडीएमए ऑपरेटर करते हैं. ट्राई ने यह सुझाव भी दिया है कि आगे चलकर ई-जीएसएम (एक्सटेंडेड जीएसएम) को अपनाने के बारे में सोचना चाहिए. ट्राई के सुझाव ऐसे समय में आए हैं, जब देश इकनॉमिक स्लोडाउन का सामना कर रहा है और टेलिकॉम सेक्टर मुश्किलों से जूझ रहा है. पिछले साल नवंबर और इस साल मार्च में स्पेक्ट्रम की नीलामी को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था. ऐसे में अगर प्रपोज्ड ऑक्शन कामयाब रहता है, तो इससे सरकारी खजाने में काफी पैसा आएगा. इससे सरकार को फिस्कल डेफिसिट को जीडीपी के 4.8 फीसदी तक रखने में मदद मिलेगी.