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मुजफ्फरनगर दंगा:अब तक 38 लोगों की मौत

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा की आंच पास-पड़ोस के जिलों में भी पहुंची है और राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों में फसाद की वारदात में अब तक 38 लोग मारे जा चुके हैं. गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने आज बताया कि मुजफ्फरनगर की वारदात का असर पड़ोस के मेरठ, […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा की आंच पास-पड़ोस के जिलों में भी पहुंची है और राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों में फसाद की वारदात में अब तक 38 लोग मारे जा चुके हैं. गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने आज बताया कि मुजफ्फरनगर की वारदात का असर पड़ोस के मेरठ, हापुड़ और शामली समेत कई पश्चिमी जिलों में पड़ा है.

उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर में हिंसा की वारदात में अब तक 32 लोग मारे जा चुके हैं जबकि मेरठ में दो, हापुड़, बागपत, सहारनपुर और शामली में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है.सक्सेना ने बताया कि इन वारदात में 81 लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सिविल लाइंस, शहर कोतवाली तथा नई मंडी में कर्फ्यू जारी है. स्थिति नियंत्रण में हैं और कल रात से कोई घटना नहीं हुई है.

गौरतलब है कि गत सात सितम्बर को एक समुदाय की महापंचायत के बाद दो समुदायों के बीच साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी, जिसमें पहले ही दिन एक टीवी पत्रकार समेत 10 लोगों की जान चली गयी थी. बाद में यह हिंसा आसपास के जिलों में भी फैल गयी थी.

प्रशासन ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी, भारतीय किसान यूनियन तथा राष्ट्रीय लोकदल के कुछ नेताओं समेत अनेक लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये हैं. राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिये एक न्यायिक आयोग गठित किया है जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.

उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों में फैली हिंसा

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भडकी सांप्रदायिक हिंसा अब पडोसी जिले शामली तथा अन्य इलाकों में फैल गयीहै.इलाके में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा और सेना ने फ्लैग मार्च किया. चौतरफा हमले का सामना कर रही राज्य की अखिलेश यादव सरकार ने देर शाम (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित करने की घोषणा की. यह जानकारी लखनऊ में संवाददाताओं को गृह सचिव कमल सक्सेना ने दी. प्रधान सचिव (गृह)आर एम श्रीवास्तव ने लखनउ में कहा, ‘‘मुजफ्फरनगर और अन्य हिस्सों में हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है.’’

हिंसा प्रभावित इलाकों में पीएसी और सशस्त्र बल की गश्त जारी रहने के बावजूद कई जगह हिंसक वारदात हुई. शामली के जिलाधिकारी पी के सिंह ने कहा कि हिंसा पड़ोसी शामली जिले में भी फैल गई है जहां एक धर्मगुरु की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटनाओं को लेकर चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की और उन्हें स्थिति से निपटने के लिए सभी सहायता मुहैया कराने का भरोसा दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से मुजफ्फरनगर की स्थिति के बारे में प्रत्येक 12 घंटे पर रिपोर्ट देने को कहा है.

गृह मंत्रालय ने इसके साथ ही राज्य सरकार से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त बल तैनात करने को कहा जहां हिंसा पर अभी काबू पाना बाकी है. घटनाओं के सिलसिले में 17 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. इनमें से एक प्राथमिकी सुखेडा गांव में आयोजित हुई महापंचायत के सिलसिले में है जिसमें कथित तौर पर भड़काउ भाषण दिये गए जिससे हिंसा हुई. केंद्र ने संभावित साम्प्रदायिक घटनाओं के बारे में गुप्तचर सूचना मिलने के बाद 11 राज्यों को अलर्ट किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या हिंसा के लिए क्या मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराये जा सकता है, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘‘मुङो नहीं लगता कि उन्होंने :अखिलेश यादव: ने इन चेतावनियों को नजरंदाज किया.’’

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