नयी दिल्ली : सरकार ने नियमों में ढील देते हुए नौकरशाहों और उन पर निर्भर परिजनों का सरकारी खर्चे पर विदेश में उपचार करवाने को मंजूरी प्रदान कर दी है.कार्मिक मंत्रालय के नये नियमों के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के सदस्यों को आपात चिकित्सा स्थिति में हवाई मार्ग से बाहर भिजवाया जा सकता है.
इसमें कहा गया कि सेवा का कोई भी सदस्य भारत के बाहर उपचार हासिल करने का पात्र होगा, या जैसा भी मामला हो. वह भारत के भीतर या बाहर करवाये गये उपचार की लागत को वापस मांग सकेगा.
नियमों में कहा गया कि अधिकारी उच्च जोखिम वाली माइक्रो वस्कुलर एवं न्यूरो सजर्री तथा बेहद जटिल रोगों में विदेश में उपचार करवा सकेंगे. बहरहाल, विदेश में उपचार की सिफारिश करने के लिए एक जांच समिति फैसला करेगी. नियमों के अनुसार सेवा के सदस्यों के एक परिचारक को भी आने जाने का वायु किराया प्रदान किया जायेगा. इससे पहले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर विदेश में होने वाले खर्च का सरकार की ओर से भुगतान करने की इजाजत नहीं दी थी.