इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के साथ सुलह सहमति की प्रक्रिया के प्रयासों के तहत, अफगानिस्तान तालिबान के पूर्व उप कमांडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को पाकिस्तान, सउदी अरब या तुर्की भेज सकता है.बरादर को वर्ष 2010 में कराची में गिरफ्तार किया गया था और तब से ही काबुल उसकी रिहाई की मांग कर रहा है.राष्ट्रपति हामिद […]
इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के साथ सुलह सहमति की प्रक्रिया के प्रयासों के तहत, अफगानिस्तान तालिबान के पूर्व उप कमांडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को पाकिस्तान, सउदी अरब या तुर्की भेज सकता है.बरादर को वर्ष 2010 में कराची में गिरफ्तार किया गया था और तब से ही काबुल उसकी रिहाई की मांग कर रहा है.राष्ट्रपति हामिद करजई सरकार की उच्च शांति परिषद के साथ शांति वार्ता की बरादर अगुवाई कर सकता है.
प्रमुख अखबार ‘‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’’ की एक खबर में एक वरिष्ठ अनाम अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि पिछले दो माह से अधिक समय से इस्लामाबाद, काबुल और वाशिंगटन के बीच बरादर को लेकर चर्चा हुई है.बरादर को कभी मुल्ला मोहम्मद उमर के बाद तालिबान का सर्वाधिक प्रभावी नेता माना जाता था.अधिकारी ने बताया कि इस मामले में चर्चा जारी है और तीनों देश उसे :बरादर को: अन्य देश भेजने के लिए तौर तरीकों पर काम कर रहे हैं.
खबर में कहा गया है कि प्रस्ताव के तहत बरादर को सउदी अरब या तुर्की भेजा जा सकता है.अखबार में अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है ‘‘अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो बरादर को न केवल दूसरे देश भेजा जाएगा बल्कि वह अफगान सरकार और अमेरिका के साथ वार्ता में मदद भी कर सकता है.’’
बरादर सहित चार उग्रवादियों ने तालिबान की स्थापना की थी. बरादर वर्ष 2010 में कराची में अपनी गिरफ्तारी से पहले तक अमेरिकी और नाटों बलों के खिलाफ सैन्य अभियान के लिए दिन प्रतिदिन के आधार पर रणनीतियों का कमांडर था.सीआईए और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के एक संयुक्त दल ने उसे कराची में वर्ष 2010 में गिरफ्तार किया था.खबर में कहा गया है कि गिरफ्तारी के समय बरादर अफगान सरकार के साथ शांतिवार्ता कर रहा था. खबर है कि वह राष्ट्रपति करजई से भी मिला था.
अखबार में कहा गया है ‘‘शुरु में वाशिंगटन ने उसकी गिरफ्तारी का स्वागत किया क्योंकि यह उग्रवाद के लिए बड़ा झटका थी. लेकिन बाद में पाया गया कि इस्लामाबाद ने तालिबान कमांडर को उन गोपनीय शांति वार्ताओं को बाधित करने के प्रयास में गिरफ्तार किया था जो बरादर अफगानिस्तान के साथ कर रहा था और जिनसे पाकिस्तान बाहर था.’’ पाकिस्तान की हिरासत में बंद बरादर को तालिबान के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है.
शनिवार को इस्लामाबाद ने अफगान सुलह सहमति की प्रक्रिया में गतिरोध दूर करने के लिए सात तालिबान बंदियों को रिहा किया. लेकिन बरादर के बारे में अब घोषणा नहीं की गई.करजई बीते माह पाकिस्तान के दौरे पर गए थे और तब ही तालिबान बंदियों की रिहाई का मुद्दा उठाया था.