नयी दिल्ली : नरेन्द्र मोदी सरकार को दिशाहीन बताने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी की भाजपा ने आज कडी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह अच्छे समय के मित्र हैं और शायद कोई पद नहीं पाने का असंतोष व्यक्त कर रहे हैं.
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अरुण शौरी पर भाजपा का पलटवार, कहा – अच्छे दिनों के साथी हैं शौरी
नयी दिल्ली : नरेन्द्र मोदी सरकार को दिशाहीन बताने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी की भाजपा ने आज कडी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह अच्छे समय के मित्र हैं और शायद कोई पद नहीं पाने का असंतोष व्यक्त कर रहे हैं. पार्टी और उसके नेताओं का कहना है कि एक टेलिविजन इंटरव्यू […]
पार्टी और उसके नेताओं का कहना है कि एक टेलिविजन इंटरव्यू में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार की आर्थिक नीतियों, सामाजिक तनाव और विपक्षी दलों से संबंधों के बारे में जो बेवजह की टिप्पणियां की हैं वे मोदी के प्रति कुछ कठोर हैं.
बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने शौरी की कडी आलोचना करते हुए कहा, किसी व्यक्ति को संभवत: कोई शिकायत है तो हो सकता है ऐसा कोई पद नहीं मिलने के कारण हो, और वह बेवजह के मुद्दे बना रहा हो.
उन्होंने कहा, इस सरकार ने दर्शाया है कि गंभीर उद्देश्यपूर्णता और प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व से भारत विकास के सही पथ पर बढ रहा है. गोयल ने कहा कि यह हैरत की बात है कि शौरी ने बिना किसी आधार के यह कहा है कि 29 कोयला खदानों के आवंटन से 1.90 लाख करोड रुपए 30 साल बाद प्राप्त हो सकेंगे.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, शौरी के एक विद्वान के रुप में, एक वरिष्ठ पत्रकार के रुप में और एक राजनीतिक पर्यवेक्षक के रुप में, मामलों पर उनके अपने विचार रहे हैं. लेकिन मुझे लगता है कि इस बार वह श्री मोदी के प्रति कुछ कठोर हैं. सीतारमण ने कहा, यह कहना कि सरकार, खासकर आर्थिक मामलों में दिशाहीन है, सही नहीं है और यह टिप्प्णी अत्यधिक निराशाजनक है.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है जब शौरी ने भाजपा को निशाने पर लिया है. उन्होंने शौरी की केवल अच्छे समय का मित्र कह कर उनकी आलोचना की.
पात्र ने कहा, बहुत से ऐसे लोग हैं जो अच्छे समय में मित्र होते हैं. जब चीजें ठीक होती हैं तो ऐसे लोग पार्टी में घुसने को बेताब होते हैं और इसमें असफल होने पर शत्रुतापूर्ण रवैया अपना लेते हैं. भाजपा नेता ने कहा कि नीतियां बनाने को लेकर मोदी सरकार के प्रो-एक्टिव रुख के कारण भारत सभी मोर्चो पर आज आगे बढ रहा है – चाहे यह आर्थिक क्षेत्र हो, रोजगार का क्षेत्र हो या आम आदमी की सभी आकांक्षाओं को पूरा करने का मामला हो.
पात्र ने कहा, न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन नीतियों के साथ है, न केवल निवेशक साथ है, बल्कि आंकडे भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं मोदी के नेतृत्व में चुनाव के दौरान जो वादे किए गए हम उन्हें पूरा करने की दिशा में आगे बढ रहे हैं.
शौरी ने मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा है कि इसकी आर्थिक नीतियां दिशाहीन हैं जबकि सामाजिक वातावरण अल्पसंख्यकों के मन में बडी बेचैनी पैदा कर रहा है.
पत्रकार से राजनीतिक बने 73 वर्षीय शौरी ने कहा कि मोदी का एक साल का शासन टुकडों में अच्छा है और उनके प्रधानमंत्री बनने से विदेश नीति पर अच्छा असर पडा है, लेकिन अर्थव्यवस्था को लेकर किए गए वादे पूरे होते नहीं दिख रहे हैं.
उनका यह भी कहना है कि लगता है, सरकार सुर्खियां बटोरने के प्रबंधन में ज्यादा लगी है बजाय नीतियों को दुरुस्त करने के. हालात ऐसे हैं कि पजल के टुकडे इधर-उधर पडें हैं और यह समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें सही जगह कैसे बिठाया जाए.
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