नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज अपना एक निर्णय वापस लेते हुये स्वीकार किया कि उसने यह निर्देश देकर एक कानूनी चूक की थी कि सिर्फ उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश या शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के प्रमुख हो सकते हैं.
न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति एके सीकरी की सदस्यता वाली पीठ ने पिछले साल 13 सितंबर को इस प्रकरण में सुनाया गया अपना वह निर्णय वापस ले लिया जिसमें सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बारे में कुछ निर्देश जारी किये गये थे.
पीठ ने कहा, यह कानूनी चूक थी. हम निर्देशों को वापस लेते हैं. पीठ ने केंद्र सरकार की याचिका पर यह व्यवस्था दी. केंद्र सरकार ने न्यायालय से पिछले साल के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था.
केंद्र सरकार का तर्क था कि शीर्ष न्यायालय का निर्णय पारदर्शिता कानून के प्रावधानों के खिलाफ है.गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल अपने फैसले में कहा था कि अन्य अर्द्ध न्यायिक इकाइयों की तरह, न्यायिक पृष्ठभूमि के लोग भी केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों के सदस्य नियुक्त किये जायें तथा यह प्रधान न्यायाधीश और संबद्ध उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से परामर्श कर किया जाना चाहिए.