नयी दिल्ली : लोकसभा में आज विभिन्न दलों ने केंद्र सरकार पर एम्स में सुपर स्पेशियालिटी संकाय में नियुक्ति एवं पदोन्नति में आरक्षण संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले को निरस्त करने के वायदे पर कोई पहल नहीं करने का आरोप लगाते हुए तत्काल संविधान संशोधन लाने की मांग की.
सदन में कार्यवाही शुरु होने पर जदयू के शरद यादव ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से सभी लोग बेचैन है क्योंकि इससे 80 प्रतिशत लोग प्रभावित हो रहे हैं. अदालत का फैसला संविधान प्रदत्त अधिकार के खिलाफ है और इस फैसले को निरस्त करने के संबंध में सरकार ने पहल करने की बात कही थी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि इस विषय में वह इंदिरा साहनी मामले को स्वीकार करेगी. अब संसद के तीन-चार दिन ही बचे हैं और सरकार चुप है. सरकार बताये कि वह क्या चाहती है. सपा के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं. मामला सिर्फ एम्स का था लेकिन सभी संस्थाओं को इसके दायरे में ले लिया गया. सरकार ने इस फैसले को रद्द करने की दिशा में पहले करने की बात कही थी लेकिन वह चुप है.
उन्होंने कहा कि अब तक इस दिशा में कुछ नहीं किया गया. अब संसद सत्र के कुछ दिन ही शेष रह गये हैं.मुलायम ने कहा कि सरकार ने संसद में वायदा किया था, उस वायदे को पूरा करे.