नयी दिल्ली: आपराधिक मानहानि के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल (सेवानिवृत) वी के सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है. व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट की मांग करने वाली सिंह की याचिका पर फैसला करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जय थरेजा ने कहा कि अपने वकील के जरिए उनकी पेशी की इजाजत देने वाला आदेश स्थायी छूट नहीं माना जाना चाहिए और उन्हें सिर्फ अगले आदेश तक यह राहत दी गयी है. मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा कि जब कभी सिंह अदालत में आते हैं तो अपने साथ भीड़ लेकर आते हैं जिससे कार्यवाही में खलल पड़ता है.
अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत की कार्यवाही के लिए आरोपी नंबर एक (वी के सिंह) की पेशी महत्वहीन है और यह अनुभव एक तथ्य है कि आरोपी नंबर एक जब कभी अदालत में आते हैं तो अपने साथ कई सारे समर्थकों को भी लाते हैं जिससे अमूमन अदालत की कार्यवाही में खलल पड़ता है और वकीलों के बीच तीखी बहस हो जाती है. इस अदालत के अगले आदेश तक आरोपी नंबर एक को पेशी से छूट दी जाती है.’’ इस मामले में बाकी के चार आरोपियों को भी अदालत ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दे रखी है. इन चार आरोपियों में से तीन थलसेना में सेवारत कर्मी हैं जबकि एक सेवानिवृत अधिकारी है. सिंह ने बाकी आरोपियों को दी गयी छूट के आधार पर ही अपने लिए भी व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी.