नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत में पत्रकारिता का इतिहास हमारी आजादी की लड़ाई के इतिहास से करीबी रुप से जुड़ा है. मुखर्जी ने मीडियाकर्मियों से पूर्वजों द्वारा बनाई गई शानदार परंपराओं को जारी रखने के लिए कहा.
केरल श्रमजीवी पत्रकार संघ के स्वर्ण जयंती समारोह के विदाई कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, सुरेंद्र बनर्जी जैसे राष्ट्रीय नेता पत्रकार थे. मुखर्जी ने कहा कि वर्ष 1910 में स्वदेशाभिमानी रामकृष्ण पिल्लै का निर्वासन, वर्ष 1930 के दशक में केसरी पर प्रतिबंध, वर्ष 1938 में मलयाला मनोरमा की संपत्ति जब्त होना और वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन को समर्थन देने पर मातृभूमि के संपादक केए दामोदर मेनन की गिरफ्तारी केरल में मीडिया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए ऐतिहासिक घटनाएं हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय पत्रकारों ने न केवल प्रेस की स्वतंत्रता बल्कि राष्ट्र की आजादी और समाज को सामाजिक भेदभाव, जातिवाद आदि से मुक्त करने के लिए लड़ाई लड़ी है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री एके एंटनी और केवी थामस मौजूद थे.