पणजी : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा फैबइंडिया के शोरुम में एक छुपा हुआ कैमरे का पता लगाने के एक हफ्ते बाद पुलिस ने आज दावा किया कि स्टोर के उस कर्मचारी की पहचान कर ली गई है जो इस प्रकरण में शामिल था. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि कैंडोलिम गांव में फैबइंडिया शोरुम के आरोपी कर्मचारी ने सीसीटीवी कैमरे के पोजीशन में बदलाव किया था और इसे स्टोर के ट्रायल कक्ष की तरफ घुमा दिया जिसे ईरानी ने उजागर किया.
पुलिस अधीक्षक :अपराध शाखा: कार्तिक कश्यप ने पीटीआई को बताया, ‘‘हमने आरोपी की पहचान कर ली है. वह उन लोगों में शामिल है जिसे प्राथमिकी दर्ज करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.’’ बहरहाल उन्होंने उसकी पहचान उजागर नहीं की और कहा कि जांच अब भी जारी है. पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने परेश भगत की पहचान की है जिसके पास शोरुम के डीवीआर :डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग: कक्ष का पासवर्ड था.
ईरानी ने तीन अप्रैल को कपडे के शोरुम में खरीदारी करते वक्त ट्रायल रुम की तरफ लगे सीसीटीवी कैमरे को देखा और फिर आवाज उठाई थी. कालांगुटे पुलिस ने कैंडोलिम स्थित शोरुम के पांच कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. कश्यप ने कहा कि मंत्री के आवाज उठाने के तुरंत बाद आरोपी कर्मचारी को सीसीटीवी कैमरे पर कैमरे की दिशा बदलते हुए पकडा गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ईरानी के शिकायत करने पर उसे कैमरे की दिशा चेंजिंग कक्ष से दूसरी तरफ बदलते हुए देखा गया.’’ उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं. जांच के पहले चरण में पुलिस आरोपी से पूछताछ कर चुकी है. कश्यप ने कहा, ‘‘प्रथमदृष्ट्या हमने पाया कि वह संलिप्त है. इस तरह की संभावनाएं हैं कि और अधिक लोग उससे जुडे हो सकते हैं.’’ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कंपनी के प्रबंधन को भी अपराध की जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए क्योंकि कैमरा एक वर्ष पहले लगाया गया था और इसकी निगरानी नहीं हो रही थी.
पुलिस फैबइंडिया के सात शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है जिसमें प्रबंध निदेशक विलियम बिसेल और प्रबंध निदेशक सुब्रत दत्ता शामिल हैं.